तीन दिन से जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए आखिर बुधवार देर रात्रि को विशेष विमान से दिल्ली पहुंच गए हैं। सीएम गहलोत ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयपुर में हुए विवाद पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि मीडिया में जो चल रहा है, ये छोटी-मोटी घटनाएं चलती रहती हैं। घर की बातें हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति में यह सब कुछ चलता रहता है और मामले आपसी सहमति से सुलझा लिए जाते हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि 50 साल से देख रहा हूँ, नबर वन जो होता है कांग्रेस प्रेसिडेंट, इंदिरा जी के वक्त से मैं देख रहा हूँ, राजीव जी के वक्त से मैं देख रहा हूँ, चाहे नरसिम्हा राव जी थे, सोनिया गांधी जी कांग्रेस प्रेसिडेंट हैं, हमेशा कांग्रेस के अंदर डिसिप्लिन है। उन्होंने कहा कि सब ठीक है।
सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में नंबर वन पार्टी अध्यक्ष होता है और मौजूदा स्थिति में सोनिया अध्यक्ष हैं। उनके अनुशासन में फैसले लेंगे। हमें चिंता है कि देश किस दिशा में जा रहा है। देश में तानाशाही चल रही है।
अब सीएम गहलोत इस बात का इंतजार है कि सोनिया गांधी की ओर से उन्हें बुलाया जाएगा और वह अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए इस राजनीतिक विवाद को सुलझाने का प्रयास करेंगे। लेकिन यह बात भी सही है कि सीएम गहलोत जिस विभाग को छोटी मोटी घटना बता रहे हैं उसे कांग्रेस के पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खगड़े और प्रभारी अजय माकन अत्यंत गंभीर मान रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक जयपुर की घटना अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखते हुए अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान और कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखित रूप में सौंपी है और उसी के बाद अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर ने तीन दोषी नेता जिसमें संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस दिया है। हालांकि सीएम गहलोत को इसमें दोषी करार नहीं बताया गया है। लेकिनकांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में सीएम गहलोत की जिम्मेदारी हो जाती है कि वे समय रहते हुए उन नेताओं को समझा लेते तो आज उनकी राजनीति पर यह दाग नहीं लगता और वह राजनीतिक क्षेत्र में बदनाम नहीं होते ।
अब चाहे कुछ भी कहो लेकिन मौजूदा स्थिति अच्छी नहीं है और उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सोनिया के यहां बिना किसी बिजोलिया किए जाने वाले सीएम अशोक गहलोत को अब बुलावे का इंतजार करना उनकी राजनीति में कितना बड़ा झटका लगा है वे खुद ही इस बात को बता सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत को दिल्ली जाने के लिए सुबह से शाम तक इस बात का इंतजार करना पड़ा कि उन्हें किसी तरह से सोनिया के यहां से बुलावा आ जाए लेकिन वह संभव नहीं हुआ और वे दिल्ली चले गए हैं। सीएम गहलोत ने बुधवार को दिल्ली जाने के लिए दाेपहर साढ़े 3 बजे स्टेट हैंगर पर विशेष विमान मंगवा लिया गया। इसके बाद बताया गया कि 5 बजे जाएंगे। फिर रात 8 बजे का समय मिला। आखिरकार रात साढ़े 9 बजे सीएम विशेष विमान से दिल्ली रवाना हुए।