हेमंत सोरेन की सरकार ने सदन में विश्वासमत हासिल कर लिया है। सरकार के पक्ष में 45 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 0 वोट डाले गए। सदन में बहुमत साबित करने के बाद हेमंत कैबिनेट का विस्तार किया गया। नये मंत्री के रूप में सबसे पहले चंपाई सोरेन ने शपथ ली। इसके बाद रामेश्वर उरांव, दीपिका पांडेय सिंह, बैजनाथ राम और इरफान अंसारी मंत्री पद की शपथ ली।
इसके साथ ही दीपक बरुआ, बन्ना गुप्ता, सत्यानंद भोक्ता, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन और बेबी देवी ने भी मंत्री पद की शपथ ली। हांलाकि, हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
इससे पहले, सदन में विश्वास मत पर चर्चा के दौरान जैसे ही सीएम हेमंत सोरेन बोलने के लिए उठे, वैसे ही बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सीएम ने कहा कि मुझे सदन में फिर से देखकर विपक्ष को कैसा लग रहा होगा, मैं समझ सकता हूं। साथ ही कहा कि सदन में विपक्ष के जितने भी विधायक दिख रहे हैं, उनमें से आधे भी अगली बार दिख गए तो बड़ी बात होगी। सीएम ने चंपाई सोरेन को 5 महीने सरकार चलाने के लिए बधाई दी।
बता दें कि 28 जून को हेमंत सोरेन जेल से रिहा हुए थे। 3 जुलाई को चंपाई सोरेन ने इस्तीफा दिया था और हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। 5 जुलाई को हेमंत सोरेन ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।
सदन में विश्वासमत पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने बेरोजगारी और अपराध के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पहले कैबिनेट का विस्तार होना चाहिए था, फिर विश्वास मत का प्रस्ताव आना चाहिए। आगे कहा कि सरकार जिस रोजगार के दावे को लेकर सत्ता में आई, उसे पूरा नहीं किया गया।
वहीं पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने विधानसभा में कहा कि लोकतंत्र में पार्टी और गठबंधन के निर्णय को मानना पड़ता है। मैंने 5 महीने तक सरकार चलाई। मुझे लगता है कि प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
इधर सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी विधायकों प्रदर्शन किया। सदन के बाहर भाजपा के विधायक विभिन्न मांगों को लेकर नारेबाजी करते नजर आए। इससे पहले मुख्यमंत्री खुद ड्राइव कर विधानसभा पहुंचे, उनके साथ उनकी पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी सदन पहुंचीं।