राजस्थान के करौली जिले से बुधवार को एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई, जिसने पूरे प्रदेश को फिर शर्मसार कर दिया. यहां 11 साल की एक मूक-बधिर बच्ची को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया, जिसकी घटना के 11 दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस घटना को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है. लोग सोशल मीडिया के जरिए अपनी आवाज बुलंद करते हुए राजस्थान सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, और सीएम के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं
‘पिता की शिकायत पर FIR नहीं’
पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली मृतक बालिका के पिता ने आज सीएम के नाम उप जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों को जल्द गिरफ्तार करके सख्त कार्रवाई करने की मांग की. पीड़ित पिता ने ज्ञापन में लिखा, ‘मैंने हिंडौन सिटी के नई मंडी पुलिस थाने में 11 मई 2024 को शिकायत दी थी, और पुलिस को बताया था कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने मेरी बेटी को जिंदा जला दिया, और उसे घर से कुछ दूरी पर जली हुई अवस्था में छोड़कर फरार हो गए हैं. इसके बाद हमनें इलाज के लिए बेटी को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसकी मौत हो गई. घटना के दौरान बदमाश व्यक्तियों ने मृतका के प्राइवेट पार्ट्स को भी बुरी तरह से जला दिया था. मगर पुलिस ने मेरी रिपोर्ट दर्ज नहीं की. अपितू उनके द्वारा ही रिपोर्ट दर्ज की गई.’
ज्ञापन सौंपने के बाद दाह संस्कार
सीएम के नाम लिखे ज्ञापन में बेटी के साथ रेप होने की आशंका जताते हुए पीड़ित पिता ने लिखा, इस घटना को 11 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, और न ही कोई कानूनी कार्रवाई हुई है. मेरी बेटी इशारों में दोषियों की फोटो के जरिए पहचान कर थी. इसके बाद भी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया. एक्सपर्ट की मौजूदगी में मेरी बेटी के बयान दर्ज कराए गए. उक्त प्रकरण में भी नई मंडी पुलिस के द्वारा पूर्ण रूप से उदासीनता बर्ती गई. इसीलिए उक्त प्रकरण की गहनता से जांच होनी चाहिए, और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी करके उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए.’ ज्ञापन सौंपने के बाद मृतका का दाह संस्कार किया गया.
करौली पुलिस ने क्या कहा?
करौली पुलिस ने एक्स पर अपने ट्वीट में लिखा, ‘नई मंडी हिण्डौन थाना अन्तर्गत घटित पीड़ित-बालिका की घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से बालिका को अस्पताल पहुंचा कर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाई. बालिका के स्किन सैंपल एवं कपड़ों के सैंपल FSL परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. साइंटिफिक एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा. बालिका मूकबधिर होने के कारण साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की सहायता से उसके बयान दर्ज किए गए. प्रकरण में साक्ष्य-आधारित अनुसंधान किया जा रहा है. राजस्थान पुलिस इस प्रकरण की गुत्थी सुलझाने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस घटना की संवेदनशीलता देखते हुए कोई भी अप्रामाणिक बात किसी के द्वारा सार्वजनिक मंच पर कहना उचित नहीं होगा. पुलिस वैज्ञानिक प्रणाली से निष्पक्ष अनुसंधान कर रही है और अतिशीघ्र ही घटनाक्रम की सच्चाई सामने आएगी.’