कोटा:-राजस्थान के पहले सबसे बड़े चंबल रिवर फ्रंट का मंगलवार को लाेकार्पण हो गया है। समारोह में सीएम अशोक गहलोत को भी आना था,लेकिन किसी वजह से उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया। इधर, इस समारोह में राजस्थान सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री कोटा पहुंचे।
सुबह 10 बजे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी समेत अन्य मंत्रियों और विधायकों ने इसका उद्घाटन किया। इसके बाद 25 देशों से आए राजदूतों के साथ प्रत्येक घाट का अवलोकन किया। शाम को यहां 125 पंडित चंबल माता की प्रतिमा की आरती उतारेंगे और फाउंटेन शो होगा। यहां गीता घाट पर तीन भाषा हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में 700 श्लोक उकेरे गए हैं।
एक मात्र रिवर फ्रंट जहां दुनिया के सभी देशों के मॉडल
अधिकारियों की मानें तो ये एक मात्र ऐसा रिवर फ्रंट है, जहां सभी देशों के मॉडल बनाए गए हैं। ये पूरा रिवर फ्रंट दोनों छोर पर करीब साढ़े पांच किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। यहां सबसे बड़ी घंटी है, जिसकी आवाज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी ।
15 हजार लोग एक बार में देख सकेंगे, तीन एंट्री पॉइंट
यहां करीब 22 घाट बनाए गए हैं। इसके अलावा दुबई की तर्ज पर यहां फाउंटेन लगाए गए हैं, जहां हर शाम म्यूजिकल शो होगा। इस पूरे रिवर फ्रंट में एक बार में करीब 15 हजार लोग घूमने आ सकते हैं। यहां तीन एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। हालांकि जनता के लिए ये कब खुलेगा और कितना चार्ज लगेगा ये तय नहीं है। माना जा रहा है कि यूआईटी प्रति व्यक्ति 200 रुपए एंट्री फीस लेगी। इसके अलावा यदि कोई टूरिस्ट यहां घूमने आता है तो यहां दो दिन का समय लगेगा।
यहां 30 गोल्फ कार्ट लगाई गई है। सिक्याेरिटी के लिए रिवर फ्रंट के दोनों छोर पर 189 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड को मिलाकर 400 लोग यहां तैनात रहेंगे।
ये रिकॉर्ड बनने का दावा
- नेहरू का सबसे बड़ा फेस मास्क- पं. जवाहरलाल नेहरू का देश का सबसे बड़ा फेस मास्क बनाया है। ऊंचाई 264.50 मीटर है। 5.50 करोड़ से गन मैटल से बना मुखौटा 25 टन वजनी है। पर्यटक मुखौटे की आंख में से रिवर फ्रंट देख सकेंगे।
- दुनिया का सबसे बड़ा नंदी- पश्चिमी जोन में नंदी की प्रतिमा है, जो दुनियाभर में सबसे बड़ी है। ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। जोधपुर स्टोन से ओडिसा के 200 कारीगरों ने इसे 6 महीने में तराशा है।
- सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा- रिवर फ्रंट के बैराज गार्डन में देश की पहली सबसे ऊंची चंबल माता की मूर्ति लगाई गई है। ऊंचाई 42 मीटर है। इसे 20 मीटर पैडल स्टल पर लगाया है। वियतनाम मार्बल से जयपुर में बनी इस प्रतिमा का वजन 20,800 क्विंटल है। इसे 1500 पीस में यहां लाया गया।
700 श्लोक लिखे गए, जान सकेंगे कैसा है आपका भविष्य
- नयापुरा गार्डन: यहां खूबसूरत बावड़ी और गार्डन बनाया गया है। ये रिवर फ्रंट का एंट्री पॉइंट है और पास में ही यहां पार्किंग डेवलप की गई है।
- सिंह घाट- बांसवाड़ा के मार्बल से 9 शेरों को लगाया गया है। इनका वजन लगभग 35 टन, ऊंचाई 15 फीट, लंबाई 11 फीट और चौड़ाई 6 फीट है। इसके बीच में रानी महल बनाया गया है। जहां फूड कोर्ट डेवलप किया जाएगा। कुछ कमर्शियल प्रॉपर्टी भी यहां बनाई गई है।
- उत्सव घाट-इसमें बैंक्वेट हॉल, खूबसूरत छतरियां, केस केड और स्टार फाउंटेन बनाए गए हैं।
- साहित्य घाट- साहित्य घाट में बांसवाड़ा मार्बल से खूबसूरत विशाल खुली किताब और पुस्तक महल का निर्माण किया गया है। फसाड में ग्राउंड फ्लोर पर लाइब्रेरी और फर्स्ट फ्लोर पर कैफेटेरिया बनाया गया है।
- रंगमंच घाट- इसमें एम्फीथियेटर में ग्रीन रूम का निर्माण किया गया है। घाटों को पियानो के की बोर्ड की तरह बनाया गया है।
- फव्वारा घाट- इसमें खूबसूरत लगून मय सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। यहां दुबई में बने लिनियर फांउटेन है, जहां फाउंटेन शो होगा। इसी एरिया के आस-पास फूड कोर्ट भी होगा।
- कनक महल-इसमें 6 टावर बनाए गए हैं। इस पर बने डोम्स पर गोल्डन कलर की टाइल्स लगाई गई हैं। यहां वाटर पार्क और रेस्टोरेंट बनाया गया है।
- छोटी-बड़ी समाध और दशावतार- छोटा समाध में अरोमा गार्डन और फाउंटेन लगाया गया है। बड़ी समाध में वृंदावन (तुलसी वन) और भगवान विष्णु के दशावतार की स्थापना की गई है।
- महात्मा गांधी सेतु- रामपुर घाट पर पर्यटकों के आने-जाने के लिए महात्मा गांधी सेतु का निर्माण भी किया गया है।
- हाड़ाैती घाट-फसाड में हाड़ौती की समृद्ध वास्तुशिल्प को अंकित किया गया है। इसमें बूंदी के तारागढ़ किले के मुख्य द्वार गणेश पाल का निर्माण किया गया है। हाड़ी रानी और पन्नाधाय की गनमेटल की आदमकद मूर्तियां लगाई गई हैं। इसके अलावा 84 खभों की छतरी का निर्माण भी किया गया है।
- विश्व मैत्री घाट-इस घाट पर विशाल बैंक्विट हॉल का निर्माण किया गया है। इसमें 10 मीटर व्यास के ग्लोब का निर्माण किया गया है। इसमें वन वर्ल्ड वन ड्रीम और भारतीय संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम’ पर आधारित है।
- जंतर-मंतर घाट- इस घाट पर ZODIAC टावर का निर्माण किया गया है। इसमें 12 राशि चक्र को दर्शाया गया है। इसमें जयपुर की BLUE POTTERY WORK और GLASS THIKRI WORK किया गया है। यहां आने वाले टूरिस्ट अपनी राशि के अनुसार भविष्य भी जान सकेंगे।
- मरू घाट- इस घाट पर गनमेटल की ऊंटों की छह प्रतिमाएं लगाई गई हैं। घाट और फसाड वॉल के बीच जमीन पर टेंट सिटी विकसित किया जा रहा है।
- मुकुट महल: मुकुट-महल में रिवर फ्रंट का मॉडल संग्रहालय बनाया गया है। इसके साथ यहां व्यू पॉइंट का निर्माण किया गया है।
- गीता घाट-गीता घाट में वियतनाम मार्बल की पट्टिका में गीता के संपूर्ण 18 अध्याय के श्लोक लिखे गए हैं। ये 700 श्लोक अलग-अलग तीन भाषाओं (संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी) में लिखे गए हैं।
- शांति घाट- इस घाट पर योग मुद्रा में इन्विजिबल स्कलप्चर लगाया गया है। एक हिस्से से इसे देखने पर ऐसा लगता है कि ये गायब हो गई है। इसमें मानव शरीर के सातों चक्रों को दर्शाया गया है।
- वैदिक घाट-इस घाट पर पंच तत्वों का आभास करते हुए बाडोली शैली में पांच मंदिरों का निर्माण कराया गया है।
- रोशन घाट: इस घाट में इस्लामिक वास्तुकला को दर्शाया गया है। इसके बीच में जन्नती दरवाजे का निर्माण किया गया है और जलती हुई 9 मशालें बनाई गई हैं।
- शौर्य घाट- यह पश्चिमी छोर का एंट्री पॉइंट है। । इस चौक में पर्यटकों के लिए पार्किंग, इन्फॉर्मेशन सेंटर, रेस्टोरेंट आदि की व्यवस्था की गई है।
- राजपूताना घाट- इस घाट में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़, वागड़, हाड़ौती क्षेत्र की विभिन्न इमारत के मॉडल बनाए गए हैं। जैसे पोद्दार हवेली, जग मंदिर, जगनिवास,गणगौरी घाट, हवामहल, गणेश पोल, सरगासूली, विजय स्तंभ, ब्रह्मा मंदिर, रणकपुर, पटवा हवेली का निर्माण किया गया है।