मोदी कैबिनेट में राजस्थान से 2 नए चेहरे संभव:चुनावी साल में जातियों को साधने की रणनीति; आदिवासी-गैर आरक्षित वर्ग की भागीदारी बढ़ेगी

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं।

इस फेरबदल में राजस्थान की भागीदारी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भाजपा के जानकार सूत्र बताते हैं कि इस साल होने जा रहे चुनावों में जातिगत समीकरण साधने के लिहाज से केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान से कुछ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं।

मौजूदा टीम में राजस्थान की भागीदारी कम होने के कारण इस बात की ज्यादा संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में दो सांसदों को मंत्री पद मिल सकता है। वहीं संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की टीम का विस्तार होने की स्थिति में वहां भी राजस्थान से एक या दो नए चेहरे शामिल हो सकते हैं।

जुलाई 2021 के बाद मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं हुआ है। इसके बाद गुजरात और हिमाचल के चुनाव हो चुके हैं। अब चुनावी राज्यों में मैसेज देने के लिए मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल तय माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मौजूदा मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर भी फेरबदल में कुछ चेहरों की भूमिका तय होगी। जिनकी परफॉर्मेंस अपने मंत्रालयों में अच्छी रही है, उनका प्रमोशन भी हो सकता है।

गैर आरक्षित वर्ग और आदिवासी वर्ग को मिल सकता है मौका

मोदी कैबिनेट में राजस्थान से अभी गैर आरक्षित और आदिवासी वर्ग की भागीदारी कम होने के कारण माना जा रहा है कि इन दोनों वर्गों से एक-एक सांसद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। यह भी संभव है कि मौजूदा एक या दो मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देकर उनकी जगह उन वर्गों को मौका दिया जाए, जिनकी अभी मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं है।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्वी राजस्थान और उदयपुर संभाग में कांग्रेस से पिछड़ गई थी। इस बार इन इलाकों पर भाजपा ज्यादा जोर लगाएगी। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट में इन इलाकों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस साल जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां के लिए पार्टी अपनी अलग रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। चुनावी राज्यों में भाजपा बड़े जाति-समाजों को साध रही है। इसी रणनीति के तहत राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदारी बढ़ाने पर पार्टी कवायद कर रही है।

सांसदों की संख्या के मुकाबले कैबिनेट में भागीदारी कम

राजस्थान से लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर भाजपा के कुल 28 सांसद है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान की भागीदारी की बात करें तो अभी सिर्फ चार मंत्री हैं। इनमें तीन लोकसभा सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी और एक राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

गजेंद्र सिंह शेखावत गैर आरक्षित वर्ग से आते हैं, जबकि बाकी तीनों मंत्री आरक्षित वर्ग से हैं। इनमें एक एससी और दो ओबीसी वर्ग से हैं। मंत्रिमंडल में आदिवासी वर्ग से कोई सांसद शामिल नहीं है। वहीं गैर आरक्षित वर्ग से भी सिर्फ एक मंत्री है। इसलिए संभावना है कि कैबिनेट में एक चेहरा आदिवासी और दूसरा चेहरा गैर आरक्षित वर्ग से शामिल हो सकता है।

राजस्थान में भाजपा का सोशल इंजीनियरिंग पर जोर

राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक भी सीट कांग्रेस को नहीं जीतने दी। दोनों चुनाव में भाजपा ने सभी 25 सीटों पर कब्जा किया। 2014 के चुनाव में खुद के दम पर 25 सीटें जीतीं वहीं 2019 के चुनाव में एक सीट आरएलपी से गठबंधन करके सभी सीटों पर जीत हासिल की। इस बार भी भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस रणनीति में जुटा है कि राजस्थान में हर जाति वर्ग काे साधा जाए। केंद्रीय कैबिनेट के फेरबदल में भी यही रणनीति दिखाई देगी।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से राजस्थान में दिए जा रहे कार्यक्रमों पर गौर करें तो यह साफ दिख रहा है कि पार्टी इस साल विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए पूरी तरह से जातियों और समाजों को साधने पर फोकस कर रही है। भाजपा बड़े वोट बैंक वाली जातियों को अपने पक्ष में करने के लिए चुनावी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। राजस्थान में लगातार जाति-समाजों को साधने के लिए केंद्रीय नेताओं के कार्यक्रम आयोजित करवा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आसींद दौरा हो या इससे पहले मानगढ़ का दौरा दोनों ही कार्यक्रम में गुर्जरों और आदिवासियों को ध्यान में रखकर आयोजन किए गए। इससे पहले जोधपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ओबीसी वर्ग को ध्यान में रखकर सम्मेलन कर चुके हैं। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का सवाईमाधोपुर में कार्यक्रम हुआ था, जिसमें उन्होंने एसटी और एससी वर्ग को साधा।

ड्‌डा की टीम में भी शामिल हो सकते हैं राजस्थान से एक-दो चेहरे

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा काे पिछले दिनों लोकसभा चुनाव तक एक्सटेंशन मिल चुका है। चुनावी राज्यों में जीत की रणनीति के तहत नड्‌डा भी जल्द ही अपनी टीम का विस्तार करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान से एक या दो नए चेहरे उनकी टीम में शामिल हो सकते हैं।

अभी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सुनील बंसल राष्ट्रीय महासचिव, अलका गुर्जर राष्ट्रीय सचिव और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर नड्‌डा की टीम में शामिल हैं। पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग के तहत माना जा रहा है कि नड्‌डा की टीम में एसटी वर्ग और गैर आरक्षित वर्ग से एक या दो चेहरे शामिल हो सकते हैं।

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