अंबाला में बोले राहुल गांधी:खाकी हाफ पेंट वाले 21वीं सदी के कौरव; MP में गरीब लड़कियों के फटे कपड़े देख टीशर्ट पहन रहा

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अंबाला :- हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में सोमवार को राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र में पैदल यात्रा की। कुरुक्षेत्र से अंबाला में एंट्री करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हम तपस्वी हैं। पांडव भी तपस्वी थे। उन्होंने RSS का नाम लिए बगैर कहा कि 21वीं सदी के कौरव खाकी हाफ पेंट पहनते हैं। हाथ में लाठी लेकर शाखा लगाते हैं। हिंदुस्तान के 2-3 सबसे अमीर अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं।

वहीं राहुल गांधी ने ठंड में टी शर्ट पहनने पर कहा कि वह यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में 3 गरीब लड़कियों से मिले, जिनके कपड़े फटे हुए थे। उन्हें देखकर ही मैं सिर्फ टी शर्ट पहनकर चल रहा हूं।

यह महाभारत की धरती, आज भी कौरव-पांडवों की लड़ाई
यह महाभारत की जमीन है। कौरव-पांडवों की जमीन है। अभी लोगों को बात समझ नहीं आ रही है लेकिन उस समय जो लड़ाई थी, वही आज है। अर्जुन-भीम समेत पांडव तपस्या करते थे। क्या पांडवों ने इस धरती पर नफरत फैलाई?, क्या महाभारत में ऐसा लिखा है?।

क्या पांडवों ने किसी गरीब व्यक्ति के खिलाफ अपराध किया हो। पांडवों ने नोटबंदी की, गलत GST लागू की, कभी नहीं करते। वह तपस्वी थे, इसलिए कभी नहीं करते। वह जानते थे कि नोटबंदी, गलत जीएसटी, किसान बिल इस धरती के तपस्वियों से चोरी करने का तरीका है।

एक तरफ 5 तपस्वी थे, पांडवों के साथ हर धर्म के लोग थे। जैसे यह यात्रा है। मुहब्बत की दुकान है। पांडवों ने भी अन्याय के खिलाफ काम किया था। उन्होंने भी नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोली थी।

नोटबंदी व गलत GST अरबपतियों ने लागू कराई
नोटबंदी और गलत GST लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइन किए लेकिन उनकी शक्ति ने लागू नहीं कराई। हिंदुस्तान के 2-3 अरबपतियों की शक्ति ने प्रधानमंत्री का हाथ चलाया। पांडवों के साथ भी अरबपति नहीं थे। उनके साथ इस धरती के किसान, मजदूर, गरीब, छोटे दुकानदार व छोटे व मीडियम बिजनेस वाले खड़े थे।

टी शर्ट पहनने की वजह बताई

अब मेरी टी शर्ट के पीछे पड़ रहे हैं। वह पूछ रहे हैं कि सफेद टी शर्ट क्यों पहना है?। राहुल ने कहा कि यात्रा शुरू हुई तो केरल में भयंकर गर्मी थी। पसीना आ रहा था, मुझे लगा कि टी शर्ट उतार दो। फिर मध्य प्रदेश गया तो थोड़ी ठंड होने लगी। सुबह 6 बजे 3 गरीब बच्चे मेरे पास आए। उनकी शर्ट फटी हुई थी। जब मैंने उनको पकड़ा तो वह ठंड से कांप रही थी। उन्होंने पतली सी शर्ट पहनी थी।

तब मैंने फैसला लिया कि जब तक मैं नहीं कांपने लगूंगा, तब तक टी शर्ट पहनूंगा। जब मुझे जबरदस्त कठिनाई होगी तो स्वेटर पहनूंगा। मैं उन 3 लड़कियों को मैसेज देना चाहता हूं कि जिस दिन उन्होंने स्वेटर पहन लिया, उस दिन मैं भी पहन लूंगा।

देश में बना कोई रहा और खा कोई रहा
आज बना कोई रहा है और उसे खा कोई और रहा है। प्रधानमंत्री बीमा योजना में आपकी जेब से पैसा निकलता है। फिर हिंदुस्तान की सरकार आपका पैसा उसमें जोड़ती है। आंधी-तूफान के बाद आप बीमा लेने जाते हो तो पता चलेगा कि इंटरनेट पर कंपनी ही नहीं है। फोन करो तो कोई जवाब नहीं देगा। आपकी तपस्या कोई और खा गया।

आप पर GST तो अडाणी पर क्यों नहीं?
GST के बारे में मजेदार बात सुनी। अगर आप गुड़ या मैदा 25 किलो से कम अपनी दुकान में बेचते हो तो आप पर GST लग जाती है। अगर इससे ज्यादा बेचो तो कोई GST नहीं। छोटे व्यापारी पर GST और अडाणी पर नहीं। आपने क्या गलती की?। आप पर लग रही तो उन पर क्यों नहीं लग रही?।

हिमाचल व जम्मू के सेब कारोबार पर एक उद्योगपति का कब्जा
आज किसान मिले, उन्होंने MSP बात की। हिमाचल में अखबार में पढ़ा कि सेब का पूरा कारोबार एक उद्योगपति के हाथ में है। जम्मू कश्मीर में भी उसी उद्योगपति के हाथ में है।

आंदोलन में मरे किसानों को शहीद का दर्जा नहीं दिया
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को संसद में शहीद का दर्जा देने को कहा। प्रधानमंत्री ने इससे इनकार कर दिया। हिंदुस्तान की सरकार के लिए 700 किसान शहीद नहीं हुए।

गीता में लिखा – तपस्या करो, फल मत देखा
गीता में लिखा है कि तपस्या करो और फल मत देखो। गीता में यह नहीं लिखा कि तपस्या करो और फल नहीं मिलेगा। अभी यह देश तपस्या कर रहा है। इस देश की सरकार को उस तपस्वी मदद और रक्षा करनी चाहिए। मैं ऐसा हिंदुस्तान देखना चाहता हूं। जिस दिन किसान और छोटे व्यापारी को तपस्या का फल मिल जाएगा, देश बहुत आगे बढ़ जाएगा।

आज हर चीज पर मेड इन चाइना
फोन, जूतों, शर्ट के पीछे मेड इन चाइना लिखा देख मैं तंग आ गया हूं। मैं चाहता हूं कि बीजिंग में कोई मोबाइल देखे तो उसमें मेड इन कुरुक्षेत्र लिखा हो। मैं चाहता हूं कि अंबाला के युवा ने माइक्रोफोन बनाया तो उसकी जेब में चाइना के युवा के पैसे आएं। इसका पहला कदम डर और नफरत को मिटाने का है।

RSS व BJP वालों ने सीता माता को नारे से निकाला
नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान का नारा पांडवों और भगवान राम का है। राजस्थान में जय सियाराम बोलते हैं। हरियाणा में राम-राम बोलते हैं। RSS वाले हर-हर महादेव कभी नहीं कहते। ऐसा इसलिए नहीं कहते क्योंकि शिवजी तपस्वी थे।

वह कभी भी जय सियाराम नहीं बोलते। उन्होंने सीता जी को नारे से उठाकर बाहर फेंक दिया। इन्होंने हमारे इतिहास और संस्कार के खिलाफ काम किया। कांग्रेस वाले को कोई भी भाजपा वाला मिले तो उसे जय सियाराम कहने को कहो। जितना जरूरी राम हैं, उतनी ही माता सीता भी हैं।

भाजपा के संगठन में महिलाएं नहीं होती। आज हमने पूरा दिन महिलाओं का किया। पुरुष आज अंदर नहीं आ पाए।

हमारी यात्रा में कोई धर्म नहीं पूछता
राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा की जनता ने हमें जबरदस्त रिस्पांस दिया है। इस यात्रा को अपनी यात्रा बना लिया। खास तौर पर युवाओं और माताओं-बहनों ने बहुत प्यार दिया है। हमने जो डर व नफरत मिटाने की बात की, वह हमें सड़कों पर दिख रहा है। इस यात्रा में किसी ने किसी को यह नहीं पूछा कि तुम हिंदू हो, मुसलमान या ईसाई हो, जो गिरा उसे बिना पूछे उठाया। यह नई चीज नहीं है। सदियों से हरियाणा देश को यही दिखा रहा है।

टिकैत बोले-किसानों पर की बात
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उनके अलावा काफी किसान नेताओं ने राहुल गांधी से काफी बात की है। इस दौरान चर्चा किसान-गरीबों को लेकर की गई। टिकैत ने कहा कि इनकी कई राज्यों में सरकार है, हमने उन्हीं राज्यों में किसानों से जुड़े मुद्दों पर बात की है। अभी यात्रा चल रही है। यात्रा के बाद राहुल गांधी उन स्टेट के मुख्यमंत्री से बात करें। टिकैत ने कहा कि यात्रा चल रही है, जिसका मन करे को शामिल हो जाए।

महिलाओं संग यात्रा को राहुल ने बताया ‘शक्ति वॉक’
हमारे देश की महिलाओं का स्वतंत्र भारत के निर्माण में बहुत महत्वूपर्ण योगदान रहा है। चाहे वो स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में हो, संविधान रचना में हो, या जनसेवा के पद पर एक राजनीतिज्ञ के रूप में हो।

सरोजिनी नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, सुचेता कृपलानी, दुर्गाबाई देशमुख, राजकुमारी अमृत कौर, हंसा मेहता और अरुणा आसफ़ अली जैसी दिग्गज महिलाओं ने जहां स्वतंत्रता संग्राम में अपनी संघर्षशीलता का परिचय दिया, वहीं अपने ज्ञान, बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता से देश का संविधान बनाने में मददगार रहीं। श्रीमती इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और अपने अद्वितीय नेतृत्व और क्षमता के कारण भारत की ‘आयरन लेडी’ कहलाईं।

आज, भारत जोड़ो यात्रा में साथ चलते हुए देश की सेवा में समर्पित महिलाओं को देखता हूं तो इनमें उन स्वतंत्रता सेनानियों का वही जज़्बा झलकता है। इन्होंने भारत को जोड़ने का दारोमदार बराबरी से अपने कंधों पर ले रखा है जिसे वह यात्रा का नेतृत्व कर बखूबी निभा रही हैं।

इससे पहले यात्रा पानीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र कवर कर चुकी है। कुरुक्षेत्र में कल देर शाम राहुल गांधी ने ब्रह्मसरोवर पर तीर्थपूजन और महाआरती में भी हिस्सा लिया।

कल पूर्व आर्मी चीफ से मुलाकात के बाद राहुल बोले

भारतीय सेना देश का गौरव है जो हर विपरीत परिस्थिति का सामना करते हुए देश की रक्षा के लिए तत्पर रहती है। जब भारत की सरहदों की सुरक्षा की बात आती है, तो उनकी राय सबसे ज़्यादा मायने रखती है। इस क्षेत्र में उनका अनुभव और प्रशिक्षण उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाता है, और सालों की राष्ट्र सेवा का परिचय देता है।

आज के हालात देख कर उन्हें सिर्फ सरहदों की ही नहीं, देश की आंतरिक परिस्थितियों की भी चिंता हो रही है। भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ कर वो यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर हमारी एकता की बुनियाद मज़बूत होगी तो देश सशक्त होगा।

भारत के पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, जनरल दीपक कपूर के नेतृत्व में वरिष्ठ पूर्व सेना अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल से मिलने का मौका मिला, जिनमें लेफ्टिनेंट जनरल आरके हुड्डा, लेफ्टिनेंट जनरल वीके नरूला, एयर मार्शल पीएस भंगू, मेजर जनरल सतबीर सिंह चौधरी, मेजर जनरल धर्मेंद्र सिंह, कर्नल जितेंद्र गिल, कर्नल पुष्पेंद्र सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल डीडीएस संधू, मेजर जनरल बिशंबर दयाल और कर्नल रोहित चौधरी शामिल थे।

साथ ही पैरामिलिट्री बल के पूर्व अधिकारी, एच आर सिंह, सुरेश कुमार, रणबीर सिंह, वी एस कदम और काली राम से भी मिलने का मौका मिला।

ब्रह्मसरोवर पर महाआरती के बाद बोले राहुल
आज कुरुक्षेत्र में ब्रम्ह सरोवर की आरती का सौभाग्य मिला। भारत की प्रगति की कामना दिल में लेकर, कल्पना से परे इस मनोरम स्थल को मेरा नमन!

अंबाला में सुबह 6 बजे शुरू होगी यात्रा
10 जनवरी की सुबह 6 बजे से अंबाला के शाहपुर से यात्रा शुरू होगी। यहां से जंडली पुल, सिविल अस्पताल अंबाला सिटी, प्रेम नगर होते हुए 10 बजे फिलाडेल्फिया अस्पताल अंबाला सिटी पहुंचेगी। इसके पश्चात यहां से चलकर साढ़े 3 बजे हरियाणा-पंजाब सीमा (शंभू बॉर्डर से) पंजाब में एंट्री करेंगे

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