इंफाल:-मणिपुर में 2 स्टूडेंट्स की हत्या के आरोप में CBI ने रविवार को 4 लोगों को अरेस्ट किया है। इन्हें चुराचांदपुर से पकड़ा गया। जांच एजेंसी सभी आरोपियों को असम के गुवाहाटी ले गई है। पहले जानकारी आई थी, छह आरोपियों को पकड़ा गया, इनमें 2 नाबालिग हैं। लेकिन, बाद में सीएम एन बीरेन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 4 आरोपी पकड़े गए हैं।
मुख्यमंत्री एन बीरेन ने रविवार को कहा- सीबीआई ने दो लापता छात्रों के मामले में लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान पाओमिनलुन हाओकिप, एस. मालस्वान हाओकिप, लिंग्नेइचोन बाइट और टिन्नुपिंग के रूप में की है।हाल ही में NIA द्वारा जारी बयान को पढ़ते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में मौजूदा स्थिति विदेशी प्रभाव से पैदा हुई है। NIA ने हाल ही में सेइमिनलुन गैंगटे की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि मणिपुर में अशांति विदेशी हाथों द्वारा पैदा की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इन्हें मौत की सजा दिलाएगी।इधर, लापता बच्चों के परिजन ने दैनिक भास्कर से कहा कि जब तक शव बरामद नहीं हो जाते, तब तक उन्हें शांति नहीं मिलेगी।दरअसल, 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दो स्टूडेंट्स के शवों की फोटो सामने आई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।फोटो में दोनों की बॉडी जमीन पर पड़ी हुई नजर आ रही है। साथ ही लड़के का सिर कटा हुआ है। हालांकि दोनों के शव अभी तक नहीं मिले हैं। जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स एक दुकान में लगे CCTV कैमरे में दिखाई दिए थे, लेकिन उसके बाद से उनका पता नहीं चल सका है।सोशल मीडिया पर ये दो तस्वीरें वायरल हो रहीं…
पहली तस्वीर- इसमें दो स्टूडेंट्स 17 साल की हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 साल का फिजाम हेमजीत बैठे हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में छात्रा एक सफेद टी-शर्ट में है, जबकि हेमजीत चेक शर्ट में है और बैकपैक पकड़े हुए है। उनके पीछे दो बंदूकधारी भी नजर आ रहे हैं।
पीड़ित की चाची बोलीं- अंतिम संस्कार के लिए बच्चों की बॉडी दे दो
इंफाल वेस्ट जिले के टेरा में 28 सितंबर को हजारों लोग पीड़ित के घर के पास इकट्ठा हुए थे। उनकी मांग है कि जुलाई से लापता स्टूडेट्स की तलाश की जाए और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए।
वहीं, पीड़ित लड़की की चाची ने दैनिक भास्कर से कहा था कि उन्हें सिर्फ बच्चों की बॉडी चाहिए ताकि वे उनका अंतिम संस्कार कर सकें। उन्होंने कहा कि हम किसी भी बात पर समझौता नहीं करेंगे, यहां तक कि जब तक शव उन्हें नहीं दिया जाता, तब तक आर्थिक मुआवजा भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
4 मई को ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं।
एक पीड़ित महिला के पति ने बताया- ‘हजार लोगों की भीड़ ने गांव पर हमला किया था। मैं भीड़ से अपनी पत्नी और गांव वालों को नहीं बचा पाया। पुलिसवालों ने भी हमें सुरक्षा नहीं दी। भीड़ तीन घंटे तक दरिंदगी करती रही। मेरी पत्नी ने किसी तरह एक गांव में पनाह ली।’
वहीं, वीडियो में दिख रही दूसरी महिला की मां ने कहा- ‘अब हम कभी अपने गांव नहीं लौटेंगे। वहां मेरे छोटे लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मेरी बेटी को शर्मिंदा किया गया। अब मेरे लिए सब कुछ खत्म हो चुका है।’
अब तक 175 की मौत, 1100 घायल
मणिपुर में पिछले 4 महीने से चल रही जातीय हिंसा में अब तक 175 लोग मारे गए हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं 5172 आगजनी के केस सामने आए, जिनमें 4786 घरों और 386 धार्मिक स्थलों को जलाने और तोड़फोड़ करने की घटनाएं शामिल हैं।
हिंसा के बाद 65 हजार से ज्यादा लोगों ने घर छोड़ा
मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं।