पाली:-चिकित्सा विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम ने मंगलवार सुबह कार्रवाई करते हुए बांगड़ हॉस्पिटल के बाहर एक निजी बस से 540 किलो मावा और रसगुल्ला जब्त किया। मावा और रसगुल्ला बीकानेर से लाया गया था। टीम ने मौके पर ही सैंपल लिया। जांच रिपोर्ट में मिलावट पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कि त्यौहारी सीजन में धड़ल्ले से मिलावटी, मावा, घी-तेल बिकते हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम मिलावट खोरों पर रोकथाम के लिए कार्रवाई कर रही है।
540 किलो मावा और रसगुल्ले जब्त
खाद्य सुरक्षा अधिकारी आनंद चौधरी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर मंगलवार सुबह बीकानेर से आने वाली दो-तीन निजी बसों की जांच की। एक बस में 340 किलो मावा और 200 किलो रसगुल्ले मिले। मिठाई को पाली की एक और सोजत की दो पार्टियों को सप्लाई करने था। जब्त रसगुल्ले और मावा का सैंपल लिया गया है। मिलावट पाए जाने पर नष्ट करवाया जाएगा।
डॉग को खिलाया मिलावटी मावा-रसगुल्ला
कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा टीम के कार्मिक ने सैंपल में से कुछ मावा और रसगुल्ला डॉग के आगे डाल दिया। जब्त मिठाई को डॉग को खिलाकर उसके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का मामला भी चर्चा बना रहा।
साल भर कार्रवाई करें तो लगे मिलावटखोरों पर अंकुश
पाली पुलिस ने शहर के नया बस स्टैंड और राजेन्द्र नगर में मिलावटी देशी घी बनाने के कारखाने पकड़े थे। इसके साथ ही सुमेरपुर में भी प्रचलित ब्रांड के डिब्बों में मिलावटी घी-तेल बेचने के कई मामले भी पकड़े जा चुके है। लेकिन हैरत की बात यह है कि जिन मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम बनाई है।
वह महज अभियान और दीपावली के समय ही जागृत होती है। साल भर कार्रवाई करने से उन्हें मानो परहेज हो। जबकि पाली शहर में भी मिलावटी तेल से नमकीन बनाकर आम लोगों के स्वास्थ्य पर खिलवाड़ करने का काम होता है। लेकिन सबकुछ जानते हुए भी इन मिलावटखोरों के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में आज भी जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री बिक रही है जो लोगों को बीमार कर रही है।