सरकार ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) में हुई भारी वित्तीय अनियमिताओं (बकाया रुपए) के बाद मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने गुरुवार देर रात मौजूदा कार्यकारिणी को भंग करने के साथ ही एडहॉक कमेटी का गठन भी किया है। इसमें बीजेपी विधायक और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष जयदीप बिहानी को संयोजक बनाया है।
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह, पाली जिला क्रिकेट संघ के सचिव धर्मवीर सिंह, झुंझुनूं जिला क्रिकेट संघ के सचिव हरिश्चंद्र सिंह, बीकानेर जिला क्रिकेट संघ के सचिव रतन सिंह और अलवर जिला क्रिकेट संघ के सचिव पवन गोयल को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की मौजूदा कार्यकारिणी को भंग करने के बाद अब चुनाव प्रक्रिया पर भी रोक लगाई है। ऐसे में अब RCA की पांच सदस्य एडहॉक कमेटी की देखरेख में काम करेगी। लोकसभा चुनाव के बाद 3 महीने में RCA कार्यकारिणी के चुनाव आयोजित करवाए जाएंगे। इसमें अध्यक्ष समेत सभी 6 पदों पर प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे।
कार्यकारिणी को भंग कर राजस्थान क्रिकेट में चल रही लूटपाट और तानाशाही को समाप्त किया
बीजेपी खेल प्रकोष्ठ के संयोजक और दौसा क्रिकेट संघ के सचिव बृज किशोर उपाध्याय ने बताया- सरकार ने मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर राजस्थान क्रिकेट में चल रही लूटपाट और तानाशाही को समाप्त कर दिया है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। इसमें अध्यक्ष, सचिव समेत दूसरे पदाधिकारी भी शामिल थे। अब उनके खिलाफ निष्पक्ष जांच होगी। तभी राजस्थान के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को न्याय मिल सकेगा।
आरसीए का ऑफिस सील किया गया था
दरअसल, खेल परिषद ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और नियमों की अवहेलना को लेकर 22 फरवरी को कार्रवाई करते हुए RCA ऑफिस सील कर दिया गया था। इसके बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से 29 फरवरी, 4 मार्च, 12 मार्च और 19 मार्च को सहकारिता विभाग में अपना पक्ष भी रखा गया था। इस दौरान राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ऑफिस सील होने की वजह से दस्तावेज नहीं जमा करने की बात कही। इस पर जांच अधिकारी ने नाराजगी जाहिर कर 28 मार्च तक RCA पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया था।
वहीं, दूसरी तरफ आरसीए ने चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके बाद दौसा, चूरू समेत कुछ जिला संघों के पदाधिकारियों ने मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील अरोड़ा से मिल शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन चुनाव प्रक्रिया में बदलाव नहीं हुआ था। आखिर देर रात मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया।
इसलिए हुआ एक्शन
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर चल रहे 30 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया, 8 करोड़ रुपए के बिजली का बिल, नगर निगम के 98 लाख का बकाया, जिला संघों को मिलने वाली राशि और आरसीए द्वारा किए गए भुगतान में गड़बड़ी मिली थी। इसकी जानकारी सरकार और सहकारिता विभाग ने आरसीए से मांगी थी, लेकिन आरसीए ने यह जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई।
ऐसे चला पूरा घटनाक्रम
- राजस्थान में बीजेपी सरकार के गठन के बाद ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में सियासी उठा पटक का सिलसिला शुरू हो गया था। पिछले महीने 22 फरवरी के दिन राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और खेल परिषद के बीच एमओयू खत्म हो गया। इसके बाद खेल परिषद ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के दफ्तर सील कर कब्जा ले लिया था।
- इसके बाद तत्कालीन अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ RCA की मौजूदा कार्यकारिणी और पदाधिकारियों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी थी। जिसकी जानकारी मिलते ही 26 फरवरी के दिन वैभव गहलोत ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
- वैभव के इस्तीफा देने के बाद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह के बेटे धनंजय सिंह और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह RCA अध्यक्ष पद की दौड़ में आ गए छे। लेकिन 9 मार्च के दिन मौजूदा कार्यकारिणी ने धनंजय सिंह को RCA का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था।
- कार्यकारी अध्यक्ष बनने के साथ ही धनंजय ने RCA का परमानेंट अध्यक्ष बनने की तैयारी शुरू कर दी थी। 15 मार्च को RCA ने सिर्फ अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने की घोषणा की थी। लेकिन वोटर लिस्ट से चूरू के पराक्रम सिंह और दौसा जिला क्रिकेट संघ के बृज किशोर उपाध्याय का नाम ही हटा दिया था।
- इसके बाद बृज किशोर उपाध्याय ने मौजूदा कार्यकारिणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने सरकार से मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर RCA में हुए घोटाले की जांच करने की मांग की थी। इसके बाद अब सरकार ने एडहॉक कमेटी का गठन कर लिया।