पति-पत्नी और 4 महीने के बच्चे की भी लाश मिली, 3 बच्चे फंदे से लटके मिले
उदयपुर( मनोज टांक)
राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा इलाके में 6 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई है। गोगुंदा थाना क्षेत्र के झाडोली के पास गोल नेड़ी गांव में पुलिस को छह लोगों की लाश मिली है। मरने वालों में 4 बच्चे और एक दंपती है। पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है।
पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में लग रहा है कि परिवार के ही मुखिया ने सभी को मारकर खुद भी आत्महत्या कर ली। मृतकों की पहचान प्रकाश (40) पिता सोहन और दुर्गा (35) पत्नी प्रकाश के रूप में हुई है। इनके चार बच्चे हैं। सबसे छोटा बेटा 4 महीने का है। फंदा ओढ़नी का बनाया गया था। प्रकाश के घर के पास ही उसके दो भाइयों के घर हैं। खेत के किनारे इनके घर बने हुए हैं।
तीन बच्चे गणेश (5), पुष्कर (4), रोशन (2) फंदे पर लटके मिले हैं। वहीं महिला अपने 4 महीने के बच्चे गंगाराम के साथ बिस्तर पर मृत मिली है।
पुलिस प्राथमिक तौर पर सुसाइड का केस मान रही है। हालांकि बच्चे अपनी मर्जी से लटके या किसी के कहने पर लटके हैं।
*तीन महीने पहले सूरत से लौटा था*
पुलिस के मुताबिक मृतक प्रकाश तीन महीने पहले ही गुजरात के सूरत से लौटा था। रसोई में साफ-सफाई का काम करता था। काफी समय से बीमार चल रहा था। इस वजह से काम पर वापस लौटा नहीं था। पुलिस प्राथमिक तौर पर आर्थिंक तंगहाली का बड़ा कारण मानते हुए इसे सुसाइड का मान रही है। पुलिस उसके परिवार के लोगों से पूछताछ कर रही है कि उसकी आर्थिक स्थिति कैसे थी? उसने कभी किसी पर कोई शक जताया क्या?
*छोटे भाई ने गेट खोला तब खुलासा हुआ*
पुलिस के मुताबिक प्रकाश के घर के बाहर कच्चा बरामदा है। उसके अंदर वाले कमरे में ही सभी लोग मृत मिले हैं। प्रकाश के घर के सामने उसके छोटे भाई दुर्गाराम का घर है। सुबह करीब 8:30 बजे दरवाजा नहीं खोला तो उसे शक हुआ। उसने दरवाजे को खोलकर देखा तो अंदर शव पड़े मिले। उसने ग्रामीणों को जमा किया और सरपंच पदमाराम गमेती को बताया। फिलहाल पुलिस शव की जांच कर रही है।
जांच के लिए डॉग स्कवायड की टीम भी मौके पर पहुंची। डॉग भी करीब 10 फीट के उसी दायरे में घूमता रहा। पुलिस उसी घर में एक-एक सामान चेक कर रही है।
*दोनों भाईयों में ज्यादा बात नहीं होती थी, पति-पत्नी के बीच झगड़ा भी नहीं था*
थानाधिकारी योगेन्द्र व्यास ने बताया कि मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। नवरात्रि के दौरान वह गांव आया था। प्रकाश जब 10 साल का था, तब ही उसके पिता सोहन की मौत हो गई। मां की दूसरी शादी हो गई। प्रकाश और छोटा भाई दुर्गाराम पास में ही अलग-अलग घर में रहते हैं। दोनों भाइयों में ज्यादा बातचीत नहीं होती थी।
छोटे भाई दुर्गाराम ने बताया- पति-पत्नी का आपस में झगड़ा नहीं था। प्रकाश को पिछले दो महीने में दो बार टायफाइड हुआ था। इस वजह से वह काम पर नहीं लौटा था। कल भी सब लोग नॉर्मल थे। देर रात तक घर में लाइट जल रही थी। सुबह तक गेट बंद दिखा, कोई बाहर नहीं दिखने पर शक हुआ। सुबह दरवाजा अंदर से लॉक नहीं था। प्रकाश और तीन बड़े बच्चे ऊपर फंदे पर लटके हुए थे। भाभी और छोटा बेटा नीचे पड़े थे।
मृतक के भाई दौलाराम गमेती ने बताया कि प्रकाश को जब इलाज से आराम नहीं मिला तो देवी-देवताओं के पास जाने लगा। उसने ठीक हो जाने पर बकरे की बलि देने की मनोकामना भी थी। बलि देने के लिए कुछ दिन पहले बकरा भी खरीदा था। सोमवार को वो बकरे की बलि देने वाला था, लेकिन रविवार की रात को ही यह घटना हो गई।
*मृतका के पीहर पक्ष के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल*
सूचना मिलने पर तिरोल गांव की रोई डांग की भागल से मृतका के परिजन गोल नेड़ी पहुंचे। उसके माता-पिता व भाईयों सहित सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। इस दौरान मौके पर आस-पास गांवों के सैकड़ों लोग एकत्र हो गए