जयपुर:-दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद जयपुर में ग्रेटर नगर निगम हरकत में आया. महापौर सौम्या गुर्जर फायर टीम और मानसरोवर जोन टीम के साथ कोचिंग सेंटर्स का निरीक्षण करने निकलीं. यहां गोपालपुरा बायपास पर संचालित हो रहे दो बड़े कोचिंग सेंटर्स पर फायर एनओसी नहीं होने, एक कक्षा में 600 से 700 छात्र पढ़ाए जाने, किसी तरह का फायर एग्जिट नहीं होने और बिल्डिंग बायलॉज की पालना नहीं किए जाने के चलते उन्हें सीज किया गया.
ये तो शुरुआत है… : ‘आप जिस कोचिंग संस्था में पढ़ते हैं, क्या वो कोचिंग संस्थान आपकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम रखती है?’ महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कोचिंग सेंटर्स की मनमानी पर प्रहार करते हुए छात्रों से इस तरह के सवाल पूछे, जिसपर छात्रों ने एक सुर में कहा ‘नहीं’. जयपुर के गोपालपुरा बायपास पर संचालित होने वाले कोचिंग सेंटर्स के औचक निरीक्षण के दौरान कोचिंग सेंटर्स पर भारी अनियमितता देखने को मिली. यहां फायर सिस्टम समेत कई सुरक्षा मानकों की जांच की गई, जिसमें भारी लापरवाही देखने को मिली. इस पर महापौर ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से किसी प्रकार से समझौता नहीं किया जाएगा. ये शुरुआत है, गोपालपुरा बायपास पर सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित हैं, जिन पर नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए कमी खामी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
संस्थानों के खिलाफ आवाज उठाएं : महापौर और निगम प्रशासन के इस औचक निरीक्षण के दौरान एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में न तो फायर एनओसी मिली, न यूडी टैक्स जमा कराया गया और बिल्डिंग परमिशन नहीं थी. इसी तरह दूसरे इंस्टीट्यूट में 700 बच्चे एक ही कक्षा कक्ष में पढ़ते हुए मिले, जिस पर महापौर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए छात्रों और अभिभावकों से भी अपील की कि उन्हें भी इस तरह के कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. इस तरह की कोचिंग संस्थानों की शिकायत निगम में करें. महापौर के निरीक्षण करने के बाद यहां डीसी फायर और डीसी मानसरोवर के निर्देशन में इन कोचिंग संस्थानों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई. हालांकि यहां सीएलसी कोचिंग सेंटर पर फायर इक्विपमेंट की जांच के दौरान किसी तरह की कमी नहीं पाए जाने पर निगम टीम ने संतुष्टि भी व्यक्त की.
वहीं, महापौर ने ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में तमाम कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था, फायर एनओसी की जांच और निरीक्षण के लिए मुख्यालय स्तर पर एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें डीसी हेडक्वार्टर, डीसी फायर, जोन उपायुक्त और उनके अलावा तीन तकनीकी अधिकारियों को शामिल किया गया है. ये टीम जल्द ही शहर का सर्वे कर रिपोर्ट पेश करेगी और लापरवाही बरतने वाली कोचिंग संस्थानों को नोटिस भी देगी. वहीं, जयपुर के उत्कर्ष कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरे होने का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.