पानीपत:-भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष और BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना दूसरे दिन सोमवार को भी जारी है। विनेश फोगाट समेत 8 पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। इन्होंने बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने की अपील की है।
पहलवानों ने हरियाणा की खाप पंचायतों से समर्थन मांगा है। उन्होंने खापों से माफी मांगते हुए कहा, ‘पिछली बार हमसे भूल हो गई थी। आज हमें आप सभी की बहुत जरूरत है। हमारा साथ दीजिए।’
सुबह बजरंग पूनिया ने कहा था कि इस मंच पर सभी राजनीतिक दलों का स्वागत है। हालांकि जनवरी में प्रदर्शन के दौरान मंच पर किसी भी राजनीतिक दल को परमिशन नहीं दी थी।
इस बीच, इंडियन रेसलिंग फेडरेशन (WFI) के 7 मई से होने वाले चुनाव रोक दिए गए हैं। ओलिंपिक्स एसोसिएशन चुनाव के लिए एक एग्जिक्यूटिव कमेटी बनाएगी। कमेटी WFI का कामकाज भी देखेगी।
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- दिल्ली पुलिस ने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन और केंद्रीय खेल मंत्रालय की बनाई दोनों जांच कमेटियों की रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने सांसद बृजभूषण पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
- बजरंग पूनिया ने कहा, ‘इस बार सभी दलों का हमारे धरने में शामिल होने के लिए स्वागत है, चाहे वह भाजपा, कांग्रेस, आप या कोई अन्य पार्टी हो। हम किसी भी पार्टी से जुड़े नहीं हैं।’ पिछली बार जनवरी में पहलवानों ने किसी भी पार्टी के नेताओं को मंच पर नहीं आने दिया था।
- पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक ने पूछा कि सरकार किस मुंह से बेटी बचाओ का नारा देती है। देश की बेटियां तो पिछले 3 महीने से न्याय के लिए भटक रही हैं। देश के भविष्य से खिलवाड़ सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जिस पर आरोप लग रहे हैं वह भाजपा सांसद हैं।
- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खिलाड़ियों का समर्थन किया है। हुड्डा ने ट्वीट कर कहा – जिन खिलाड़ियों ने पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ाया है, उन्हें न्याय के लिए धरना देना पड़े तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।
- भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA), भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की कार्यकारी समिति के गठन के 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने और उसके दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करने के लिए एक एडहॉक समिति का गठन करेगा। वहीं सूत्रों के मुताबिक 7 मई को भारतीय कुश्ती संघ के होने वाले चुनाव को फिलहाल रोक दिया गया है।
विनेश फोगाट ने सोमवार सुबह कहा, ‘आप सभी को नमस्कार, जैसे कि आप सब जानते हैं। 3 महीने पहले हमने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई थी। हमारे साथ में कुछ राजनीति हुई है। सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। 4 हफ्ते का समय मांगा था। 3 महीने हो गए हमें इंतजार करते हुए, हमारे साथ आज भी न्याय नहीं हुआ है।’
उन्होंने कहा ‘दो दिन पहले हम पुलिस स्टेशन गए थे। जहां 7 लड़कियों ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत दी है। शिकायत में मांग की कि बृजभूषण ने जो शारीरिक शोषण किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस हमारी FIR भी दर्ज नहीं कर रही है, जिसके बाद इंतजार कर जंतर-मंतर पर आए हैं।’
पहलवानों ने रविवार की रात फुटपाथ पर गुजारी
रेसलर ने रविवार की पूरी रात सड़क पर गुजारी। वहीं सो गए। देर रात विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने एक वीडियो भी जारी कर लोगों से समर्थन के लिए जंतर-मंतर पहुंचने की अपील की।
पूरे मामले में क्या हुआ, 5 पॉइंट्स में जानिए
18 जनवरी: दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू
रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था। विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं।
विनेश ने यह भी कहा कि बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के खिलाफ है। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा।
इसी दिन संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा- किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर ऐसा निकला तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं।
19 जनवरी: केंद्रीय खेल मंत्री से बातचीत, फिर धरना
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से रेसलर्स की करीब पौने 4 घंटे बातचीत हुई। उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों ने WFI अध्यक्ष को हटाने को कहा।
20 जनवरी: पहलवानों का धरना फिर शुरू
खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से अनुराग ठाकुर से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था। यहां से आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही वह किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वह खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे।
21 जनवरी: IOA ने जांच कमेटी बनाई
आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने जांच कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। 7 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। इस कमेटी में बॉक्सर मैरीकॉम, तीरंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और 2 वकील शामिल थे।
इसी दिन अनुराग ठाकुर की पहलवानों से देर रात 7 घंटे तक मीटिंग हुई। इस दौरान खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। इसका अध्यक्ष भी एमसी मैरीकॉम को बनाया गया। इसके सदस्यों में ओलिंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल थे। बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया गया था।
23 अप्रैल: रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था।