प्रयागराज:-उमेश पाल हत्याकांड के 26 दिन बाद पुलिस ने मंगलवार को माफिया अतीक अहमद के ऑफिस पर छापा मारा। चकिया स्थित ऑफिस में 74 लाख 62 हजार रुपए कैश, 9 पिस्टल, 1 तमंचा और कारतूस मिले। पुलिस ने अतीक के पांच गुर्गों को भी गिरफ्तार किया है।
अतीक अहमद के चकिया स्थित दफ्तर में कैश और हथियार को दीवारों और फर्श में दबाकर रखा गया था।
500 और 200 की गड्डियां मिलीं
पुलिस की रेड में दीवारों और फर्श को तोड़ने के बाद 500 और 200 रुपए के नोट बरामद हुए। जिन्हें गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी। भारी पुलिस बल के साथ अफसरों की टीम भी यहां मौजूद रही। खुद प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा भी मौजूद रहे। पुलिस ने दफ्तर में काम करने वाले 5 लोगों को फिलहाल गिरफ्तार किया है। उनकी निशानदेही पर छापेमारी और बरामदगी की गई।
राजू पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद का यह ऑफिस 2020 में अवैध निर्माण के चलते गिरा दिया गया था। इस कार्यालय में अवैध गतिविधियों के संचालित हाेने की जानकारी हाेने पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
शूटरों से संपर्क के आरोप में गिरफ्तार किए गए गुर्गे
बताया जा रहा है कि पकड़े गए पांच लोगों में से दो गुर्गे उमेश पाल हत्याकांड की पूरी कहानी जानते हैं। वे लगातार शूटरों के संपर्क में थे। हिरासत में लिया गया शख्स, माफिया डॉन अतीक अहमद के चकिया इलाके का ही रहने वाला है। उसके बाबा और पिता भी अतीक के लिए काम करते थे। गिरफ्तार आरोपियों के नाम नियाज अहमद, मोहम्मद सजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और अरशद कटरा उर्फ अरशद खान हैं।
पुलिस के मुताबिक नियाज अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड से पहले रेकी की थी। अतीक के बेटे असद ने सजद को आईफोन दिया था। सजद ने ही उमेश पाल की लोकेशन दी थी। अरशद खान उर्फ अरशद कटरा भी इस हत्याकांड की साजिश में शामिल था।
पुलिस ने बताया कि कैश अहमद अतीक का ड्राइवर था। वह पिछले 16 साल से अतीक के लिए काम कर रहा था। कैश अहमद की निशानदेही पर ही नकदी और असलहों की बरामदगी की गई है। वहीं, राकेश कुमार अतीक के लिए 19 साल से काम रहा था। असलहों को छिपाने में इसकी अहम भूमिका थी।
इस बीच शूटरों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है। गुड्डू मुस्लिम, मोहम्मद गुलाम और साबिर की तलाश में यूपी पुलिस और यूपी STF सूबे के साथ-साथ 13 राज्यों और 15 जिलों की खाक छान रही है।
2020 में यहीं पर चला था बुलडोजर
पीडीए ने 21 सितंबर 2020 को अतीक अहमद के चकिया कर्बला स्थित आलीशान दफ्तर को गिरा दिया था। हालांकि पीछे का हिस्सा छोड़ दिया गया था। इसी पिछले हिस्से में कैश और हथियार बरामद हुआ है। पीडीए के दस्ते में शामिल पांच बुलडोजरों से अवैध हिस्सों को ढहाया गया था।
करीब छह घंटे की कार्रवाई के बाद अवैध रूप से निर्मित भाग को पूरी तरह से जमींदोज करा दिया गया था। पीडीए अफसरों का कहना था कि अवैध रूप से किए गए निर्माण को हटाने के संबंध में अतीक अहमद को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसने इसे नजरअंदाज कर दिया था, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई थी।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी बमबाज गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।