कोटा:-किसी भी देश की प्रगति में वहां के इंजीनियर्स की भूमिका अहम होती है। आधुनिक निर्माण काम से लेकर भावी विकास की रूपरेखा का दायित्व प्रौद्योगिकी शिक्षा से जुड़े मानव संसाधन पर ही होता है। यह बात बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान कही। स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षा देश के तकनीकी विकास के विभिन्न पहलुओं के प्रबंधन से ही नहीं जुड़ी है बल्कि हमारी जो पूरी शिक्षा व्यवस्था है उसको एक महत्वपूर्ण आधार भी प्रदान करती है। शिक्षा के लोकतांत्रिक करण को भी बगैर तकनीकी समझ के सफल नहीं किया जा सकता। कोविड के दौर में हमने इस बात को गहरे से समझा है कि तकनीक ने ही शिक्षा के सार्वजनिकरण की राहें तब आसान की थी। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि शिक्षा जितनी गहरी और व्यापक होगी समाज उतना ही संपन्न होगा। मैं यह कहना चाहता हूं कि शिक्षा जितनी गुणवत्तापूर्ण और समय अनुरूप होगी उतनी ही व जीवन के लिए अधिक उपयोगी और सार्थक होगी। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है मनुष्य के जीवन और चरित्र का निर्माण करना। तकनीकी शिक्षा का मूल आधार अनुभव से जुड़ा हुआ है। जो कुछ आप करते हैं उसमें हमेशा नया और सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि तकनीक व्यक्ति को भौतिक रूप से तो संपन्न करती है लेकिन यह बात भी ध्यान रखने की है कि वह तमाम तकनीकी ज्ञान जड़ है जिसमें परिवर्तन की ओर नहीं संभावना की गुंजाइश नहीं हो।
सबसे ज्यादा बीटेक के छात्र छात्राएं
12वें दीक्षांत समारोह के दौरान इस साल कुलाधिपति स्वर्ण पदक एमटेक (स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग) विद्यार्थी प्रज्ञा माहेश्वरी एवं कुलपति स्वर्ण पदक बीटेक (कम्प्यूटर साईन्स एन्ड इंजीनियरिंग) विद्यार्थी त्रिशा विश्वास को प्रदान किया गया। इस साल गोल्ड मेडल की श्रेणी में बीआर्क 1, बीटेक 14, एमटेक 11, एमबीए 1, एमसीए 1 पाठ्यक्रम सहित 28 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। बीआर्क 194, बीबीए 1, बीएचएमसीटी 9, बीटेक 19320, एमबीए 1265, एमसीए 535, एमटेक 221, एमार्क 1, पीएचडी 21 पाठ्यक्रम सहित 21 हजार 567 विद्यार्थियों को दीक्षा प्रदान की गई। इसी दिन विश्वविद्यालय के सभी सम्बद्ध महाविद्यालय इन छात्रों को विशेष कार्यक्रम आयोजित कर उपाधियों को संबंधित छात्र को वितरित करने का कार्य करेंगे। समारोह के दौरान इस वर्ष बीआर्क 5, बीटेक 55, एमटेक 32, एमबीए 5, एमसीए 6, पीएचडी 21 पाठ्यक्रम सहित 124 डिग्रियां भी प्रदान की। 21567 स्टूडेंट्स में से 17656 छात्र और 3911 छात्राओं को डिग्रियां वितरित की जाएगी। इनमें सबसे ज्यादा बीटेक के छात्र छात्राएं हैं। वही इन कोर्सेज में टोटल 173 मेरिट हासिल करने वाले स्टूडेंट है जिनमें 89 छात्र और 84 छात्राएं हैं। कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह ने बताया कि सिक्योरिटी के लिहाज से दी जाने वाली डिग्रियां हाईटेक फीचर्स से लैस है। इस बार 19 सिक्योरिटी फीचर्स से लैस डिग्री दी जाएगी ताकि इसकी डुप्लीकेट डिग्री नहीं बनाई जा सके।