जयपुर:-राजस्थान सरकार के खिलाफ पुलवामा शहीदों के धरने को सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शर्म की बात बताया है। बुधवार को बूढ़ा शहीदों के परिजनों से मिलने एक शहीद स्मारक पर पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि हमारे अमर शहीद जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। उनकी वीरांगनाओं को धरने पर बैठना पड़ रहा है। यह हम सब के लिए शर्म की बात है। सरकार के कुछ मंत्रियों ने शहीदों की अंत्येष्टि के दौरान कुछ वादे किए थे। जब तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में आज कैबिनेट में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री के सामने वीरांगनाओं की मांग रखूंगा।
इससे पहले सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में शहीदों के परिजन मुख्यमंत्री के सचिव आरती डोगरा से मिलने पहुंचे। जहां शहीदों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। इसके शहीदों के परिजन धरना स्थल पर पहुंच गए। जहां विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक शहीदों के समर्थन में धरना देने पहुंचे। इस दौरान राठौड़ ने कहा कि यह राजस्थान के लिए काला अध्याय हैं। जहां शहीदों के परिजनों को अपनी मांगों को लेकर धरना देना पड़ रहा है। लेकिन 24 घंटे बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा शहीदों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए थे। जहां पुलिस और किरोड़ी लाल मीणा के बीच जमकर बहस हो गई। इसके बाद मीणा और शहीदों के परिजन शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए। जहां उन्हें मनाने के लिए देर शाम गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव भी पहुंचे। लेकिन शहीदों के परिजनों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद से ही शहीदों के परिजन और सांसद किरोड़ी लाल मीणा शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं।
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- सरकार के मंत्रियों ने वीरांगनाओं से जो वादे किये थे। उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया है। अब तक ना तो शहीदों की प्रतिमा लग पाई है। ना ही उनके गांव तक सड़क बनी है। वहीं, शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक पैकेज का वादा भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में मजबूरन शहीदों के परिजनों के साथ हमें धरने पर बैठना पड़ा है। जब तक सरकार हमारी जायज मांगों को पूरा नहीं करेगी हमारा धरना जारी रहेगा।
दरअसल, पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के उन 40 जवान शहीद हुए थे। इनमें राजस्थान ने भी पांच बहादुर बेटे खो दिए थे। इनमें शीद हेमराज मीणा कि पत्नी वीरांगना मधुबाला ने कहा- शहादत के चार साल बाद भी पति की प्रतिमा नहीं लगाई गई। वहीं, सरकार के मंत्रियों ने जो भी वादे किये थे। अब तक उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए अब मजबूरन सरकार के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ा है। अगर सरकार ने अब भी हम से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। तो मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगा।
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 78 बसों में सवार होकर सीआरपीएफ के 2500 जवानों का काफिला गुजर रहा था। पुलवामा में सामने से आ रही एक एसयूवी जवानों के काफिले की बसों से टकराई और फिर विस्फोट हुआ। जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। CRPF जवानों का यह काफिला जम्मू स्थित चेनानी रामा ट्रांजिट कैंप से श्रीनगर के लिए निकला था। 320 किलोमीटर की दूरी तय करके जवानों को श्रीनगर के बख्शाी स्टेडियम स्थित ट्रांसिट कैंप में पहुंचना था। पुलवामा हमले का बदले लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी।