‘चुनाव से पहले होंगे ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर’:रीट का रिजल्ट आने के 45 दिन में देंगे पोस्टिंग:-मंत्री बीडी कल्ला

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-राजस्थान में ग्रेड थर्ड टीचर के ट्रांसफर कब तक होंगे? शिक्षक भर्ती प्रक्रिया कब पूरी होगी? एक लाख नई भर्तियों में से शिक्षा विभाग में कितने पदों पर भर्तियां की जाएंगी? राइट टू एजुकेशन पर बढ़ते विवाद पर अंकुश लगाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए भास्कर ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से खास बातचीत की। आप भी पढ़िए आम जनता के 7 सवालों के जवाब।

सवाल- राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया कब तक पूरी हो जाएगी। 48,000 पदों पर कब तक पोस्टिंग दी जाएगी?
जवाब-
 राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा जिस दिन हमारे पास रीट मैंस (शिक्षक भर्ती) के परिणाम आ जाएंगे। उसके ठीक 45 दिन के अंदर-अंदर हम 48,000 पदों पर नौकरी देने की पूरी कोशिश करेंगे। क्योंकि रिजल्ट के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में कुछ वक्त लगता है। लेकिन जैसे ही रिजल्ट आएगा। हम जिलेवार प्रक्रिया शुरू कर जल्द से जल्द पोस्टिंग देने का काम करेंगे।
(बता दें कि कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष अप्रैल के आखरी सप्ताह तक रिजल्ट जारी करने का दावा कर रहे है । ऐसे में अगर अप्रैल के आखरी या मई के पहले सप्ताह तक रिजल्ट जारी होता है। तो शिक्षा विभाग जून तक भर्ती परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों को पोस्टिंग दे सकता है।)

सवाल- विपक्ष आरोप लगा रहा है कि चुनावी साल में पोस्टिंग नहीं दे सकेंगे?
जवाब-
 विपक्ष के पास सिर्फ बातें करने का ही काम है। उन्हें पता है, कांग्रेस सरकार ने शिक्षा विभाग में 80 हजार से ज्यादा पदों पर अब तक नौकरी दे दी है। 48,000 पदों पर जैसे ही रीट का रिजल्ट आएगा। उन्हें भी पोस्टिंग दे देंगे। वरिष्ठ अध्यापकों को नौकरी दे रहे हैं। बल्कि, इस वित्तीय वर्ष में राजस्थान का शिक्षा विभाग एक लाख लोगों को नौकरी दे देगा। विपक्ष बातें करता रहेगा और हम काम करते रहेंगे।

सवाल- अशोक गहलोत ने बजट में एक लाख नई भर्तियों की घोषणा की थी। इनमें से शिक्षा विभाग में कितने पदों पर भर्तियां होंगी?
जवाब-
 48,000 पदों पर रीट मेंस का रिजल्ट आने के बाद शिक्षकों की भर्ती हो जाएगी। 10 हजार के करीब कंप्यूटर अनुदेशक के पदों पर भर्तियां जारी है। इसके अलावा 6000 शारीरिक शिक्षकों के पदों पर भर्तियां होंगी। वरिष्ठ अध्यापकों के साथ से 8000 पदों पर भर्तियां होंगी।

महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में भी 10,000 टीचर्स की भर्तियां की जाएंगी। इसके साथ ही स्कूल व्याख्याता की भर्ती भी की जाएंगी। ऐसे में लगभग-लगभग राजस्थान का शिक्षा विभाग 1 लाख पदों पर शिक्षकों की कुल भर्ती का काम चल रहा है।

सवाल- शिक्षा विभाग में टीचर्स की संविदा भर्ती का विरोध हो रहा है। क्या यह प्रक्रिया बंद होगी?
जवाब-
 राजस्थान में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग में भी जिन पदों पर संविदा कर्मियों को नियुक्त किया जा रहा है। कुछ वर्षों बाद उन्हें परमानेंट कर दिया जाएगा। पहले जैसे प्रोबेशन पीरियड होता है। वैसे ही संविदा कर्मियों के लिए भी नियम बन गए हैं। ऐसे में यह भी (संविदा पर भर्ती होने वाले) एक निश्चित अवधि के बाद परमानेंट शिक्षक बन जाएंगे।

सवाल- क्या कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल में ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर हो सकेंगे?
जवाब- 
ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर होने की पूरी-पूरी संभावना है। हमने ट्रांसफर पॉलिसी बनाकर राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग को भेज दी है। कार्मिक विभाग ने उस पर कुछ क्वेरी की थी। उसका भी जवाब भेज दिया गया है। वैसे भी अभी सभी विभागों में ट्रांसफर बंद है। ऐसे में कार्मिक विभाग से हमारी पॉलिसी को स्वीकृति मिलने के बाद जैसे ही ट्रांसफर खुलेंगे।
उसके बाद जैसे हमने ग्रेड सेकेंड और ग्रेड फर्स्ट के ट्रांसफर किए हैं। उसी तर्ज पर ग्रेड थर्ड के ट्रांसफर भी कर दिए जाएंगे। क्योंकि इस बार हमने जो पॉलिसी बनाई है। वह बहुत ठोस और अच्छी है। हमारी सरकार संवेदनशील है। इसलिए हम चाहते हैं कि जो शिक्षक बरसों से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें हम राहत दे सकें।

सवाल- राइट टू एजुकेशन (RTE) को लेकर लगातार विवाद सामने आ रहे हैं। इसे कैसे रुकेंगे?
जवाब- 
राजस्थान सरकार जल्द ही निजी शिक्षण संस्थाओं के लिए प्राधिकरण बनाने की प्लानिंग कर रही है। इसमें शिक्षा विभाग से जुड़ी समस्याओं की सुनवाई होगी। प्राधिकरण में अभिभावकों को भी सुना जाएगा। जो संस्थाएं होगी, उन्हें भी सुना जाएगा। इसके बाद जो प्राधिकरण फाइनल फैसला करेगा। उसे सबको मानना पड़ेगा। ऐसे में हम जल्द से जल्द प्राधिकरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि इस तरह की समस्याओं से निजात मिल सके।

सवाल- NCERT ने कोर्स से मुगल शासक, इंदिरा गांधी से जुड़े चैप्टर हटाए हैं। क्या यह सही है?
जवाब-
 शिक्षा में राजनीति नहीं करनी चाहिए। इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए। सिर्फ मुगल और इंदिरा गांधी ही नहीं केंद्र सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसने गोली मारी इस जानकारी को ही कोर्स में से हटा दिया है। एक तरफ केंद्र के नेता चश्मा लगाकर गांधीजी का लाभ लेना चाहते हैं। दूसरी तरफ महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमा मंडन करते हैं। यह केंद्र की जो दोगली नीति है। इससे केंद्र के संस्थानों को बचने की जरूरत है।
आज के दौर में तो सबको पता है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली किसने मारी थी। लेकिन नई पीढ़ी अगर यह नहीं पढ़ पाई। तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं होगी। कोर्स से इस तरह की जानकारी हटाना इतिहास के साथ छेड़छाड़ और तोड़-मरोड़ नहीं करनी चाहिए। राजस्थान सरकार इस पूरे मामले की समीक्षा कर रही है।