जयपुर:-हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर ने धरना दे रहे पार्षदों के साथ गुरुवार को प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा से मुलाकात की। उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त वर्मा द्वारा किए जा रहे गलत व्यवहार की जानकारी दी और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।
मेयर मुनेश गुर्जर ने प्रभारी रंधावा से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने अपनी बात संगठन स्तर पर पहुंचा दी है और आशा व्यक्त की कि उनके साथ न्याय किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर प्रभारी रंधावा ने जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक अमीन कागजी से इस मसले को लेकर विस्तार से चर्चा की। यह माना जा रहा है कि अब यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर तय होगा। यह बात भी सामने आ रही है कि स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल से इस बारे में मुलाकात क्यों नहीं की गई ! इससे पहले हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर ने अपने पार्षदों के साथ सीएम गहलोत को इस्तीफा क्यों भेजा। इन सब बातों से यह स्पष्ट होता है कि आपसी समन्वय की कमी सामने आ रही है। जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी दो बार धरना स्थल पर जाकर बातचीत कर चुके हैं लेकिन बात नहीं बन पाई थी । लेकिन सामूहिक प्रयास नहीं किया गया।
सत्ताधारी मेयर मुनेश गुर्जर और उनके पार्षदों को अपनी मांगो के लिए 7 दिन तक ना देना पड़े। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार मेयर मुनेश गुर्जर के कामकाज से खुश नहीं है। खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने स्पष्ट तौर पर कहा कि धरना देने से पहले मेयर मुनेश गुर्जर ने उनसे अनुमति नहीं ली। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गलत निर्णय से पार्टी बदनाम होती है।
वही मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि मैंने फोन किया था और पत्र के माध्यम से भी उन्हें यह सब अवगत कराया था। लेकिन प्रताप सिंह खाचरियावास से मेयर मुनेश गुर्जर की दूरी क्यों बनी इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। जयपुर शहर में संगठन जिला अध्यक्ष नहीं बनने के कारण यह सब परेशानी सामने आ रही है। कहने को तो खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास निवर्तमान जयपुर से अध्यक्ष है। ऐसे में उनकी नाराजगी निश्चित तौर पर याद आती है कि बीट कर्मचारियों को लेकर जिस प्रकार से अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से आपसी मतभेद उभर कर सामने आए हैं । उसमें कुछ गड़बड़ी होने की संभावना अधिक लगती है।
पार्षद बीट के माध्यम से 5 कर्मचारी अपने कामकाज के लिए ले जा रहा है लेकिन उसका काम सफाई व्यवस्था को सुधारने का होता है लेकिन वह नहीं हो पाती है यही कारण है कि अधिकारी पूरी जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं लेना चाहता है । हेरिटेज नगर निगम में साधारण सभा की बैठक लंबे समय से नहीं हुई पाई है और ना ही समितियों का गठन हो पाया है। ऐसे में हेरिटेज नगर निगम के कामकाज को लेकर भी कई सवाल पैदा हो रहे हैं। निर्दलीयों पार्षदों के सहारे कांग्रेस पार्टी सत्ता में है। ऐसे में निर्दलीय पार्षदों की कई ऐसी मांगे पूरी करनी पड़ती है जो नियमों में नहीं आती है।
अब यह बात सामने आ रही है कि अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को निलंबित तो नहीं किया जाएगा लेकिन वहां से हटाए जाने की कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन राजेंद्र वर्मा अनुसूचित जाति से आते हैं ऐसे में कोई भी कार्रवाई निश्चित तौर पर आने वाले चुनाव में इसके खिलाफ जा सकती है। इसलिए आपसी समन्वय के बाद कोई कार्रवाई संभव हो पाएगी !