मुंबई:-अजित पवार ने चुनाव आयोग में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और उसके चुनाव चिन्ह घड़ी पर अपना दावा जताते हुए पत्र भेजा है। इधर, शरद गुट के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।
इधर, मुंबई में हुई बैठक के बाद अजित अपने समर्थक विधायकों को होटल ले गए हैं।
अजित ने शरद के लिए कहा- आपकी उम्र ज्यादा हो गई, आशीर्वाद दीजिए
बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के MET सेंटर में हुई बैठक में अजित पवार ने कहा- आपकी (शरद पवार की) उम्र ज्यादा हो गई है। राज्य सरकार के कर्मचारी 58 साल में, केंद्र के 60 साल में, भाजपा में 75 साल में रिटायर्ड हो जाते हैं, लेकिन आप 84 साल के हैं। अब आप आशीर्वाद दीजिए।
आपने पहले इस्तीफा दिया, फिर कमेटी बनाई और सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। जब इस्तीफा वापस लेना ही था तो दिया ही क्यों था। मैं भी राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। राज्य की भलाई करने के लिए राज्य प्रमुख का पद होना जरूरी है। तभी मैं महाराष्ट्र की भलाई कर पाउंगा।
2004 के विधानसभा चुनाव में NCP के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।
2024 के चुनाव में भी मोदी जी ही आएंगे। मुझे ऐसा लगता है। काम करने के लिए पद होना चाहिए। 2004 में NCP का आंकड़ा 71 था। मैं उसे इसके आगे ले जाउंगा। हमें भी सभा लेनी होगी अगर मैं चुप बैठा तो लोग सोचेंगे इसमें कुछ खोट है। मुझमें खोट नहीं है।
हम इतने दिन साहब की छाया में थे, लेकिन हम सबका अपना भी एक मत है। हमें शिवाजी के सपने को साकार करना है। साहब (शरद पवार) 1962 में राजनीति में आए, 38 की उम्र में उन्होंने कई काम किए।
अगर इतिहास देखो तो लोकशाही में ऐसा कई बार हुआ। हमने हर बार साहब का साथ दिया। दोस्तों सभी का समय होता है। नेता ने जब-जब जैसा बोला हमने किया। आज जो कुछ भी हूं, साहब की वजह से ही हूं।
सुप्रिया का जवाब- ऐज सिर्फ एक नंबर है
शरद पवार गुट की वाईबी चह्वाण सेंटर में मीटिंग में सुप्रिया सुले बोलीं- ये लड़ाई सत्ता की नहीं है। ये भाजपा के खिलाफ लड़ाई है। NCP को नेचुरली करप्ट पार्टी कहा था और कहा था ना खाउंगा न खाना दूंगा, लेकिन अब जरूरत पड़ी तो उसी का समर्थन ले लिया भाजपा ने।
ये मैं नहीं कह रही हूं लोग कहते हैं कि अमिताभ बच्चन की उम्र क्या है – 82। वारेट बफेट की उम्र क्या है। तो उम्र सिर्फ एक नंबर है। मेरे पिताजी पर ऊंगली न उठाएं। मैं दिखाउंगी कैसे तुमने खाया। मैं आज के बाद तुम्हें महाराष्ट्र में खाने नहीं दूंगी। भाजपा ने पिछले 9 साल में दिया क्या है। गैस सिलिंडर एक हजार रुपए का कर दिया। NCP का एक ही सिक्का है शरद पवार।
पहले बात अजित गुट की, 40 विधाकों के समर्थन का दावा अजित गुट की बैठक बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के MET सेंटर में जारी है। यहां छगन भुजबल ने कहा, ‘हमारे पास 40 विधायक हैं। कई विधायक ट्रैफिक में फंसे हैं। कुछ विदेश में हैं, लेकिन उनके एफिडेविट हमारे पास हैं। लोग कह रहे हैं कि दल बदल कानून लागू होगा। कार्रवाई होगी, सब कुछ विचार करने के बाद ही ये फैसला लिया गया है।’ पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं से एफिडेविट भराया गया।
अजित गुट ने 29 विधायकों के नाम भी दिए: अजित पवार, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, नरहरि झिरवाल, दिलीप मोहिते, अनिल पाटिल, माणिकराव कोकाटे, दिलीप वाल्से पाटिल, अदिति तटकरे, राजेश पाटिल, धनंजय मुंडे, धर्मराव अत्राम, अन्ना बंसोड़, नीलेश लंके, इंद्रनील नाइक, सुनील शेलके, दत्तात्रय भरणे, संजय बंसोड़, संग्राम जगताप, दिलीप होना, सुनील टिंगरे, सुनील शेलके, बालासाहेब अजाबे, दीपक चव्हाण, यशवंत माने, नितिन पवार, शेखर निकम, संजय शिंदे, राजू कोरमारे।
विधान परिषद सदस्य: अमोल मिटकरी, रामराजे निंबालकर, अनिकेत तटकरे, विक्रम काले।
अब बात शरद गुट की, सिर्फ 7 विधायक पहुंचे: इनकी बैठक नरीमन पॉइंट स्थित यशवंतराव चव्हाण सेंटर में शुरू होगी। यहां भी कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी जा रही है। सुबह करीब 11 बजे से सुप्रिया सुले, अनिल देशमुख, जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेता यहां मौजूद हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि शरद के समर्थन में 7 विधायक पहुंचे हैं। इनके नाम- जयंत पाटिल, किरण लहामाटे, अशोक पवार, रोहित पवार, देवेंद्र भुयार, राजेंद्र शिंगणे और अनिल देशमुख हैं। सांसद सुप्रिया सुले सुबह 11 बजे पार्टी दफ्तर पहुंच गई थीं।
अब आगे क्या: पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण के मुताबिक NCP के 53 में से 37 से ज्यादा विधायक अजित के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच जाएंगे। 36 से कम रहे तो निलंबन तय है। CM शिंदे के खिलाफ उद्धव गुट फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। मांग है कि शिंदे के विधायकों की लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द फैसला हो।
दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, ‘अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। अजित पवार और शरद पवार गुटों के बीच अभी लंबी लड़ाई चलेगी। संभावना है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में यह स्थिति साफ हो सकेगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा।’
अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर के उद्घाटन से पहले वहां हंगामा हुआ। अजित पवार समर्थकों ने आरोप लगाया कि PWD विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी थी। इसलिए गेट को धक्का मारकर खोला गया। हालांकि, बाद में अजित वहां पहुंचे और पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया।
अजित पवार ने नए ऑफिस में शरद पवार की तस्वीर लगाई। इस पर NCP चीफ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- जिन लोगों ने मेरी विचारधारा को धोखा दिया, उन्हें मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं।
प्रफुल्ल पटेल बोले- राजनीति पारिवारिक रिश्ते के बीच न आए
अजित गुट में शामिल हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि राजनीति पारिवारिक रिश्ते के बीच न आए। मैं खुद को भी पवार परिवार का एक हिस्सा मानता हूं। हम केवल शरद पवार से इसे स्वीकार करने की अपील कर सकते हैं। वह जो अच्छा समझेंगे, वो फैसला लेंगे।
प्रफुल्ल बोले- शरद पवार हमारे गुरु हैं। हम हमेशा उनका और उनके पद का आदर करेंगे। वह हम सभी के लिए पितातुल्य हैं। हम अनादर की दृष्टि से उनकी तस्वीर का उपयोग नहीं करते, यह वास्तव में उनके प्रति हमारा सम्मान है।
प्रफुल्ल के इस बयान पर NCP नेता जितेंद्र अव्हाड ने कहा, ‘मैं प्रफुल्ल पटेल का बहुत सम्मान करता हूं और उन्होंने जो कुछ भी कहा उससे यह समझ आता है कि राजनीति को पारिवारिक संबंधों के बीच नहीं आना चाहिए। मेरी भी यही राय है।’