कोलकाता:-संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे (कैश फॉर क्वेरी) लेने के आरोपों से घिरीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की एथिक्स कमेटी पर निशाना साधा है। महुआ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक कार्टून पोस्ट किया है।
इस कार्टून पर लिखा है- जब तक आप दूसरी तरफ (सत्ता पक्ष की तरफ) ना हों, नैतिकता बनाए रखें। कार्टून में एथिक्स कमेटी और महुआ को आमने-सामने बैठे हुए दर्शाया गया हैं। दोनों के बीच सवाल-जवाब को दिखाया गया है।
महुआ के बगल वाली कुर्सी के सामने रूलिंग पार्टी (केंद्र सरकार) लिखा है। कुर्सी पर भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल बना हुआ है। TMC सांसद महुआ के इस पोस्ट को एथिक्स कमेटी पर सीधे हमले के तौर पर देखा जा रहा है।
एथिक्स कमेटी का दावा- महुआ का अकाउंट विदेश से 47 बार लॉगिन हुआ
दरअसल, कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है। एथिक्स कमेटी ने 10 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को अपनी रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में लिखा है कि महुआ मोइत्रा का अकाउंट विदेश से 47 बार लॉगिन हुआ।
TMC सांसद की ओर से संसद में पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल बिजनेमसमैन दर्शन हीरानंदानी की पसंद के थे। अब यह रिपोर्ट 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के विंटर सेशन में लोकसभा में पेश की जाएगी। इसमें महुआ के निष्कासन की सिफारिश को लेकर वोटिंग हो सकती है।
महुआ ने कमेटी के चेयरमैन को बेहूदा और बेशर्म बताया था
एथिक्स कमेटी ने मोइत्रा मोइत्रा से 2 नवंबर को पूछताछ की थी। इस दौरान महुआ पूछताछ बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं। महुआ ने कहा कि कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने शब्दों से मेरा वस्त्रहरण (proverbial vastraharan) किया। कमेटी की तरफ से पूछे गए सवाल घटिया और अप्रासंगिक थे। इसके मेरे पास रिकॉर्ड हैं। एथिक्स कमेटी के चेयरमैन बेहूदा और बेशर्म हैं।
क्या है पूरा मामला
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।
निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।
केस से जुड़े 4 किरदार…
1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति
इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।
कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।
2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे
इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।
गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।
3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर
42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।
दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।
4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील
जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।