– रचना शुक्ला
जयपुर : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका सा लगता नजर आ रहा है।बीते 24 घंटे में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलें तेज हो गई है। इसी बीच कुछ रिपोट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि सांसद नकुलनाथ ने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर बायो से कांग्रेस शब्द हटा दिया है । बहरहाल इस तरह की कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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उधर छिंदवाड़ा से अचानक शनिवार को दिल्ली पहुंचे कमलनाथ और नकुल नाथ ने अभी तक ना तो पीएम मोदी से और न हीं बीजेपी के वरिष्ट नेता अमित शाह से मुलाकात की है। कमलनाथ और नकुलनाथ दोनों ही की ओर से पार्टी से इस्तीफा देने का भी कोई आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि बीते विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के करारी हार के बाद से ही कमलनाथ और पार्टी के बीच अनबन की बातें फैलने लगी थी। मध्य प्रदेश का चुनाव कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा था यहां तक कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित किया गया था।
मध्य प्रदेश की 230 में से भाजपा ने 163 कांग्रेस से 66 और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। ऐसे नतीजे के बाद अचानक कांग्रेस ने एकाएक अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। राहुल गांधी के करीबी रहे जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंप दी गई। कमलनाथ की सक्रियता हमेशा से ही केंद्रीय राजनीति में रही है। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें मध्य प्रदेश राजनीति में भेजा गया। बताया जाता है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ फिर से दिल्ली जाना चाहते थे। परंतु पार्टी हाई कमान ने उनकी नहीं सुनी। इस के अलावा राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने जैसे कुछ अन्य कारणों को भी कमलनाथ की नाराजगी का कारण बताया जा रहा है।कमलनाथ की कर्मभूमि के नाम से पहचाने जाने वाले छिंदवाड़ा में राजनीतिक चर्चाओं का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
उनके समर्थकों का कहना है की यह बहुत ही भावपूर्ण घड़ी है ऐसा लग रहा है मानो ये जीवन का अहम फैसला है। ये अवसर कुछ अलग है। जिंदगी का लंबा अरसा जिस पार्टी को दिया। उससे विदाई कठिन होती है। राजनीतिक नफे नुकसान से परे ये उस पीड़ा को महसूस करने का समय है जिसके चलते इतना बड़ा कदम उठाया जा रहा है। 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को छिंदवाड़ा से उम्मीदवार घोषित करते हुए उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया था तब से अब तक कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा चुनावो में जीत दर्ज कर चुके हैं।