झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर अब 17 मई को सुनवाई होगी। हेमंत सोरेन ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट आज हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई। हेमंत सोरेन ने इस याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया गया है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट में आए तीन मई के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को जायज ठहराते हुए पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कही थी। इसी आदेश को हेमंत ने एसएलपी दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए नये सिरे से याचिका दायर करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट गत तीन मई को फैसला सुना चुकी है और झामुमो नेता ने पहले से ही हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। ऐसे में उनकी याचिका निरर्थक हो गई है।
कपिल सिब्बल बोले-नई याचिका में समय लगेगा
10 मई को हुई सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद से याचिका निरर्थक हो गई। सोरेन की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पीठ से याचिका को मानने का अनुरोध करते हुए कहा कि ED नई याचिका में अपनी प्रतिक्रिया के लिए और समय मांगेगा, जिससे और देरी होगी। जिस पर खंडपीठ ने कहा कि सभी दलीलों को नयी याचिका माना जा सकता है।
ईडी ने 31 जनवरी को किया था गिरफ्तार
रांची जिले के बड़गाई अंचल में लगभग साढ़े आठ एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर कार्रवाई की है। इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने सीएम को 11 समन भेजा था। इसमें से केवल दो समन में उन्होंने ईडी के सवालों के जवाब दिए। 11वें समन पर जवाब-तलब के लिए ईडी के अधिकारी 31 जनवरी को उनके आवास पहुंचे। यहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसी कार्रवाई और गिरफ्तारी को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन का मामला क्या है?
झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन पर PMLA एक्ट के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची में बजरा नाम की एक जगह है। यहां करीब 7.16 एकड़ जमीन के एक प्लॉट का मालिकाना हक भारतीय सेना के पास था। इस जमीन को स्थानीय लोगों ने गलत डॉक्यूमेंट्स के जरिए कई लोगों को बेच दिया। जब मामला रांची नगर निगम के पास पहुंचा तो निगम ने अवैध खरीद-फरोख्त के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।
इसी केस को आधार बनाकर ED ने जांच शुरू कर दी। 14 अप्रैल को इस मामले में ED ने पहली बार 7 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन के अलावा 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। करीब 23 दिन बाद रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित IAS अधिकारी छवि रंजन की गिरफ्तारी हुई। छवि से पूछताछ के आधार पर 31 जुलाई को विष्णु अग्रवाल नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया।
इसके पास से मिले डॉक्यूमेंट्स में हेमंत सोरेन का नाम मिला। जांच में हेमंत सोरेन के बैंक खाते और चेक से जुड़ी जानकारी मिली। इसके बाद ED ने PMLA एक्ट की धारा 50 के तहत हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए उन्हें समन भेजा। 10 बार समन भेजे जाने के बावजूद हेमंत ED के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर IPC की धारा 174 के तहत 31 जनवरी 2024 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या हेमंत सोरेन को केजरीवाल के आधार पर राहत मिलेगी?
भूमि घोटाले में आरोपी झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने भी आम चुनावों में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा- आप संशोधित याचिका दें, हम उस पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।
आज ( 13 मई को) सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन के मामले में उनके वकील कपिल सिब्बल बहस कर सकते हैं। इस बात की संभावना है कि इस मामले पर सुनवाई करते समय सिब्बल केजरीवाल की जमानत को उदाहरण के तौर पर पेश करेंगे।