विनेश को सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा:कोर्ट ने अपील खारिज की,100 ग्राम ओवरवेट होने से फाइनल नहीं खेल पाई थीं

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विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने बुधवार, 14 अगस्त को उनकी अपील खारिज कर दी। फोगाट को फाइनल से पहले ओवरवेट होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने CAS में अपील की थी।

अपील पर फैसला 16 अगस्त को होना था, लेकिन 14 अगस्त को ही उनकी अपील खारिज कर दी गई। फैसले के बाद भारतीय ओलिंपिक कमेटी की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने नाराजगी जताई।

विनेश ने रेसलिंग के 50 किग्रा विमेंस कैटेगरी में लगातार 3 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। 8 अगस्त को फाइनल होना था, लेकिन मैच से पहले ओलिंपिक कमेटी ने विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने के कारण रेसलर को डिसक्वालिफाई कर दिया था।

विनेश के सिल्वर मेडल पर 13 अगस्त को टला था फैसला
विनेश की अपील के बाद CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक सुनवाई की। विनेश भी इस दौरान वर्चुअली मौजूद रहीं। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा।

फाइनल मैच से पहले विनेश को 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जबकि शुरुआती दौर से पहले किए गए वजन में विनेश 50 kg वेट कैटेगरी की तय सीमा से कम थीं। ऐसे में विनेश ने जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग की थी।

विनेश के पक्ष में यह दलीलें रखी गईं

  • 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन का 0.1% से 0.2% से भी ज्यादा नहीं है। वजन गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है। इंसान के जीवित रहने की जरूरत के कारण से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है, इसी कारण इतना वजन कभी भी बढ़ सकता है।
  • विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। ऐसे में उनका वजन 52.7 किलो पहुंच चुका था।
  • खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन लगातार मुकाबलों के कारण विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम ऊी नहीं मिला।

विनेश के मामले पर 2 अहम बयान…

  1. पीटी उषा- वजन का मैनेजमेंट करना ख‍िलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ‘वजन का मैनेजमेंट करना ख‍िलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेड‍िकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।’
  2. थॉमस बाक- हम कोर्ट का निर्णय मानेंगे विनेश के मामले में इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा- ‘नहीं, यदि आप सामान्य रूप से एक वर्ग में दो सिल्वर मेडल दिए जाने के बारे में पूछ रहे हैं। मुझे लगता है कि इंटरनेशनल फेडरेशन के नियम का पालन किया जाना चाहिए। वेट कट का फैसला यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का था। यदि हम 100 ग्राम के साथ अनुमति देते हैं तो 102 ग्राम के साथ क्यों नहीं देंगे। अब यह मामला कोर्ट में है। अब हम CAS के निर्णय का पालन करेंगे। फिर भी फेडरेशन को अपने नियमों को लागू करना है। यह उनकी जिम्मेदारी है।’

मेडल अपील के दूसरे दिन विनेश का संन्यास
​​​​​पेरिस ओलिंपिक फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे X पर एक पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।”

सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।

क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों को खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई हुई।