जयपुर : राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पहले ही पार्टी की अंदरूनी सियासत गर्मा गई है. एक तरफ देवली-उनियारा से पूर्व छात्रनेता नरेश मीना मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीना ने अपने सांसद भाई हरिशचंद्र मीना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अबकी उन्होंने टिकट मांगा था. उनके भाई (हरिशचंद्र मीना) ने ही उन्हें धोखा दे दिया. अगर उन्हें इस बार मौका मिलता तो वे जीत जाते. यह वीडियो नमोनारायण मीना और नरेश मीना के बीच आपसी बातचीत की है, जिसमें नमोनारायण मीना और नरेश मीना एक कमरे में आमने-सामने बैठे दिखाई दे रहे हैं.
नरेश मीना से मुखातिब हुए नमोनारायण मीना कहते दिख रहे हैं कि अबकी बार उन्होंने टिकट मांगा था, लेकिन उनके भाई ने ही उनके साथ धोखा कर दिया. अगर उन्हें मौका मिलता तो वे जीत जाते. करीब 15 सैकंड का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
विधायक थे हरिशचंद्र मीना, टोंक से सांसद बने : दरअसल, हरिशचंद्र मीना और नमोनारायण मीना भाई हैं. हरिशचंद्र मीना ने 2023 का विधानसभा चुनाव टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट से लड़ा था. लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टोंक से सांसद का चुनाव लड़वाया. सांसद का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायक की सीट छोड़ दी थी. जिसके चलते अब वहां उपचुनाव होना है. ऐसे में नमोनारायण मीना भी टिकट की दौड़ में थे. हालांकि, पिछले दिनों इस सीट पर चुनाव प्रभारी बनाए गए हरिमोहन शर्मा ने दावा किया था कि देवली-उनियारा से पार्टी चौंकाने वाला फैसला लेगी. जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी.
टोंक-सवाई माधोपुर से दो बार रहे सांसद : नमोनारायण मीना कांग्रेस के मजबूत नेता हैं. वे 2004 से 2014 तक लगातार दो बार टोंक-सवाई माधोपुर सीट से मंत्री रहे. इस दौरान मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था. अब संभावना थी कि देवली-उनियारा से हरिशचंद्र मीना के सीट छोड़ने के बाद उन्हें वहां से मैदान में उतारा जा सकता है. हालांकि, देवली-उनियारा सीट के चुनाव प्रभारी हरिमोहन मीना ने पिछले दिनों हरिशचंद्र मीना की मौजूदगी में कहा था कि हरिशचंद्र मीना ने अपने परिवार के किसी व्यक्ति के लिए टिकट नहीं मांगा है.