प्रियंका ने वायनाड से नामांकन किया:​​​​​​​बोलीं-35 साल में पिता,मां,भाई के लिए कैंपेन किया,पहली बार अपने लिए समर्थन मांग रही हूं

Front-Page National

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है, जिसमें उनके साथ भाई राहुल गांधी, मां सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे।

नामांकन से पहले प्रियंका ने कहा, “जब मैं 17 साल की थी, तब मैंने अपने पिता के लिए 1989 में चुनाव प्रचार किया था। इन 35 वर्षों में मैंने मां और भाई के लिए वोट मांगे हैं। अब मैं पहली बार अपने लिए समर्थन मांग रही हूं।”

प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने उनके खिलाफ नाव्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया है। नाव्या ने प्रियंका के नामांकन पर टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रियंका वायनाड में 7 दिन रहेंगी, लेकिन मैं पूरे 5 साल काम करूंगी।”

लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना और वायनाड छोड़ दिया।

इस बीच, चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को 13 राज्यों की 47 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी, जिनमें केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीटें भी शामिल हैं।

प्रियंका गांधी की स्पीच में चार प्रमुख बातें निम्नलिखित थीं:

  1. सत्ता और नफरत: प्रियंका ने कहा कि वर्तमान में सत्ता में बैठे लोगों ने नफरत का इस्तेमाल कर सत्ता में बने रहने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह राजनीति हमारे राष्ट्र के मूल सिद्धांतों के विपरीत है, जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में समानता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान पर आधारित था।
  2. शिक्षाएं और मूल्यों की अहमियत: उन्होंने ईसा मसीह और बुद्ध की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये हमें विनम्रता और अहिंसा का मार्ग दिखाती हैं। प्रियंका ने बताया कि वे इन राष्ट्रवादी मूल्यों के लिए लड़ रही हैं, जो सत्य, न्याय और समानता पर आधारित हैं।
  3. लैंडस्लाइड में देखी गई तबाही: प्रियंका ने याद किया कि कुछ महीने पहले वह अपने भाई के साथ वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई गई थीं, जहां उन्होंने तबाही को अपनी आंखों से देखा। उन्होंने उन बच्चों और माताओं का जिक्र किया, जिन्होंने लैंडस्लाइड में अपने परिवारों को खो दिया।
  4. सहयोग और करुणा: उन्होंने लैंडस्लाइड के दौरान वहां के लोगों की एकजुटता की सराहना की, जिन्होंने डॉक्टर, शिक्षक, गृहिणियों सहित एक-दूसरे की मदद की। प्रियंका ने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि वे इस समुदाय का हिस्सा बन सकीं।

राहुल गांधी ने 17 जून को वायनाड सीट छोड़ते समय कहा था कि उनका वायनाड और रायबरेली के साथ भावनात्मक रिश्ता है। उन्होंने पिछले पांच साल तक वायनाड से सांसद के रूप में काम किया और वहां के लोगों को उनके समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन वे समय-समय पर वायनाड का दौरा करते रहेंगे। राहुल ने अपने पुराने रिश्ते का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें रायबरेली का फिर से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है, लेकिन यह निर्णय उनके लिए कठिन था।

वायनाड सीट छोड़ने के बाद राहुल ने वहां के लोगों के लिए एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने वायनाड छोड़ने की अपनी पीड़ा और वहां के लोगों से मिले प्यार का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि जब वह पांच साल पहले वहां आए थे, तब वे लोगों के लिए एक अजनबी थे, फिर भी उन्होंने उन पर विश्वास किया।