J&K विधानसभा में 370 बहाली का प्रस्ताव पास:BJP विधायकों का वेल में हंगामा,दस्तावेज की कॉपी फाड़ीं

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पास किया, बीजेपी का विरोध

जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने राज्य के विशेष दर्जे (अनुच्छेद 370) को फिर से बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया है, जिसे केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में रद्द कर दिया था। इस प्रस्ताव के पारित होते ही बीजेपी विधायकों ने इसका जोरदार विरोध किया और विधानसभा के वेल (मुख्य क्षेत्र) में जाकर नारेबाजी की।

बीजेपी का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष ने बिना किसी व्यापक चर्चा के ही इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया और मंत्री समूह की बैठक में इसे मंजूरी दी। इस पर विपक्ष के नेता सुनील शर्मा और अन्य भाजपा विधायकों ने तीव्र विरोध दर्ज करते हुए प्रस्ताव की कॉपियां फाड़ दीं और नारेबाजी की, जिसमें “स्पीकर हाय-हाय” और “पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा” जैसे आरोप लगाए गए।

विधायकों के विरोध और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने भाजपा विधायकों से कहा कि अगर उन्हें मुझ पर विश्वास नहीं है, तो वे अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। हालांकि, इसके बाद भी प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई और बहुमत से इसे पास किया गया। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी गई।

प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर के डिप्टी मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा कि केंद्र को राज्य के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा के प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने इसे राज्य की पहचान, संस्कृति और लोगों के अधिकारों की रक्षा करने वाला बताया। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि विशेष दर्जे की बहाली राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं का सम्मान करते हुए की जाए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और निर्दलीय विधायकों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने की मांग की गई। वहीं, बीजेपी ने इसे एकतरफा कदम बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा, जिसे अनुच्छेद 370 के तहत सुरक्षा प्राप्त थी, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। हाल के विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के प्रयास करने का वादा किया था।

प्रस्ताव पारित होने के बाद, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है और अब यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह क्या कदम उठाती है।