राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में चयनित अधिकारियों की पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने ट्रेनी एसआई की पासिंग आउट परेड पर भी रोक लगाते हुए मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश कैलाश चंद शर्मा और अन्य की याचिका पर दिया।
याचिकाकर्ताओं के वकील, एडवोकेट हरेंद्र नील ने कोर्ट में तर्क दिया कि एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में भारी फर्जीवाड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि पाली में फर्जीवाड़े को लेकर एफआईआर दर्ज होने के बाद अलग-अलग जिलों में मामले दर्ज हुए थे और पेपर लीक भी हो गया था। इसके बावजूद सरकार ने 2023 में चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति दी और उनकी ट्रेनिंग शुरू करवा दी।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने यह आरोप लगाया कि 2024 में एसओजी ने इस फर्जीवाड़े की जांच शुरू की और पाया कि इसमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के दो सदस्य भी शामिल थे। इस मामले में अब तक 50 से ज्यादा ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर की एक प्रति 30 दिन पहले ही 150 उम्मीदवारों तक पहुंच गई थी। इसके बाद एसओजी और पुलिस मुख्यालय ने भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की, लेकिन सरकार ने इस मामले में एक समिति बना दी और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामू राईका और उसके परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे। राईका ने अपने बच्चों के लिए परीक्षा से पहले ही पेपर की व्यवस्था कर दी थी, जिससे उन्हें चयन में मदद मिली। राईका और उसके परिवार के अन्य सदस्य भी गिरफ्तार किए गए हैं।
एसओजी की ओर से अब तक 50 ट्रेनी एसआई और पेपर लीक से जुड़े 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच अब भी जारी है।