राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव, छात्रावास शुल्क वृद्धि, और अन्य छात्रहित मुद्दों को लेकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने कुलपति सचिवालय के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। छात्रों ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन किया, जिनमें शिक्षण कार्य में सुधार, छात्रावासों में सुविधाओं का विस्तार और विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच की मांगें शामिल हैं।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने जिस तरह का व्यवहार किया, NSUI ने उसकी कड़ी आलोचना की है। संगठन ने कहा कि यह प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत हो रहा था, और पुलिस का अमानवीय व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। NSUI ने कहा कि छात्रसंघ और अन्य आंदोलनकारियों का यह अधिकार है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को उठाएं और इस पर किसी भी तरह की दमनात्मक कार्रवाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
NSUI ने सात प्रमुख मांगें उठाई हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संघटक महाविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से नियमित शिक्षण कार्य शुरू किया जाए।
- छात्रावासों में बढ़ी हुई फीस के अनुरूप सुविधाएं भी प्रदान की जाएं।
- छात्र संघ चुनाव के दौरान वसूली गई फीस को छात्र हित में खर्च किया जाए।
- विश्वविद्यालय परिसर और संघटक महाविद्यालयों में सफाई व्यवस्था से जुड़े टेंडरों में हुए भ्रष्टाचार की जांच हो।
- सरकार और एक विशेष विचारधारा के दबाव में शिक्षकों का उत्पीड़न बंद किया जाए।
- महारानी महाविद्यालय के छात्रावास की वार्डन के खिलाफ छात्रों की सुरक्षा में लापरवाही की वजह से कार्रवाई की जाए।
- पी.जी. छात्रों के लिए विश्वविद्यालय परिसर में 10 नए छात्रावासों का निर्माण किया जाए।
NSUI ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष छात्रहित के लिए निरंतर जारी रहेगा, और वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक सभी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती।