महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर गुरुवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार मुंबई लौट आए।
बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा की है। शिंदे के मुताबिक, महायुति की एक और बैठक मुंबई में होगी, जहां मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
ढाई घंटे चली मीटिंग, शाह ने शिंदे से की अलग चर्चा
सूत्रों के अनुसार, बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। अमित शाह ने शिंदे के साथ आधे घंटे तक अलग से बातचीत की। वहीं, भाजपा के दो पर्यवेक्षक 1 दिसंबर को मुंबई पहुंचेंगे और विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा।
जातीय समीकरणों पर भाजपा की नजर
भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री के चयन में जातीय समीकरणों पर विचार कर रहा है। मराठा समुदाय के विधायकों की बड़ी संख्या को देखते हुए मराठा नेताओं को सीएम बनाए जाने की संभावना पर चर्चा हो रही है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने दबाव डाला, तो देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा होगी।
शिंदे ने दिए 6 बयान, मोदी के फैसले को बताया अंतिम
एकनाथ शिंदे ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह का हर फैसला मंजूर है। उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद का लालची न बताते हुए कहा कि उनका लक्ष्य राज्य की जनता की सेवा करना है।
- मैं आम आदमी हूं: शिंदे ने कहा कि उन्होंने हमेशा आम आदमी की तरह काम किया और मुख्यमंत्री होने का अहंकार नहीं पाला।
- लाडले भाई की पहचान: शिंदे ने अपनी लोकप्रियता को जनता का आशीर्वाद बताया।
- केंद्र का साथ जरूरी: शिंदे ने कहा कि राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का समर्थन अनिवार्य है।
- मोदी का फैसला मंजूर: शिंदे ने कहा कि भाजपा जो भी निर्णय लेगी, वह शिवसेना को स्वीकार होगा।
- ढाई साल का मजबूत समर्थन: उन्होंने मोदी और शाह को ढाई साल तक चट्टान की तरह साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद दिया।
- पद की लालसा नहीं: शिंदे ने कहा कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है और महा विकास अघाड़ी सरकार को राज्य का सबसे बड़ा स्पीड ब्रेकर बताया।
अब सभी की निगाहें महायुति की मुंबई बैठक पर हैं, जहां मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान संभव है।