जयपुर, 28 दिसंबर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में राज्य के प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव किए गए। मंत्रिमंडल ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों और संभागों का पुनर्निर्धारण करते हुए प्रदेश में अब 7 संभाग और 41 जिलों की संरचना तय की है।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा घोषित 17 नए जिलों और तीन संभागों का गठन राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था। वित्तीय और प्रशासनिक आवश्यकताओं को नजरअंदाज करते हुए इनका गठन किया गया था। समीक्षा के बाद 9 जिलों और तीन संभागों को निरस्त करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, फलौदी, बालोतरा, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन और सलूम्बर जैसे 8 नए जिले बरकरार रहेंगे।
सीईटी स्कोर की वैधता बढ़ाई गई
खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) स्कोर की वैधता अब एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी गई है। यह कदम अभ्यर्थियों को राहत देने और परीक्षाओं के बोझ को कम करने के लिए उठाया गया है।
पशुधन सहायक को मिलेगा तीसरी पदोन्नति का अवसर
राज्य सरकार ने पशुधन सहायक संवर्ग के कर्मचारियों को तीसरी पदोन्नति का अवसर देने के लिए नए पद सृजित करने और पदनाम बदलने का निर्णय लिया है। अब पशुधन सहायक का पदनाम पशुधन निरीक्षक और पशु चिकित्सा सहायक का पदनाम पशुधन प्रसार अधिकारी होगा।
महाविद्यालय का नाम बदला
मंत्रिमंडल ने चुरू जिले के सिद्धमुख स्थित राजकीय महाविद्यालय का नाम बदलकर ‘श्रीमती शकुंतला देवी राजकीय महाविद्यालय’ करने की स्वीकृति दी है।
राज्य सरकार ने इन फैसलों के जरिए प्रशासनिक सुधारों, कर्मचारियों के हित और सुशासन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।