जयपुर:-राजस्थान हाईकोर्ट ने कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए कोचिंग सेंटर्स का केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार पंजीकरण अनिवार्य करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह भी कहा कि गाइडलाइंस में दिए गए सभी पैरामीटर्स का पालन सुनिश्चित किया जाए।
हाईकोर्ट का स्वप्रेरित प्रसंज्ञान
इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से पूछा कि क्या केंद्र सरकार के रेगुलेशन को राज्य में लागू किया जा सकता है, क्योंकि इनमें सजा और जुर्माने के प्रावधान शामिल हैं। राज्य सरकार ने जवाब दिया कि कोचिंग सेंटर्स के लिए विधेयक तैयार है और इसे जल्द ही कानून का रूप दिया जाएगा।
कोचिंग सेंटर्स की सूची पेश करने के निर्देश
राज्य सरकार ने अदालत में 33 जिलों के कोचिंग सेंटर्स की सूची पेश की। हाईकोर्ट ने बाकी जिलों की सूची भी जल्द से जल्द प्रस्तुत करने को कहा। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करने के लिए जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है।
स्थायी समाधान के लिए कानून की आवश्यकता
कोचिंग सेंटर्स की ओर से कहा गया कि गाइडलाइंस के बजाय कानून बनाना अधिक प्रभावी होगा। फिलहाल अदालत ने गाइडलाइंस के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने और उनके अनुपालन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इस निर्णय से कोचिंग सेंटर्स के बढ़ते दायरे को नियंत्रित करने और विद्यार्थियों की मानसिक सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी तय करने की उम्मीद है।