राजस्थान में आगामी विधानसभा सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। इस सत्र में जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस ने खास रणनीति बनाई है। कांग्रेस ने ‘शैडो कैबिनेट’ का गठन कर विधायकों को उनकी रुचि के अनुसार विभागों की जिम्मेदारी सौंपी है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि इस बार विधायकों की परफॉर्मेंस पहले से बेहतर होगी और सरकार से उनके वादों और एक साल के कामकाज का जवाब मांगा जाएगा।
जूली ने कहा कि पिछली बार सरकार ने अपनी विफलताओं का ठीकरा पूर्ववर्ती सरकार पर फोड़ दिया, लेकिन इस बार ऐसा संभव नहीं होगा। विपक्ष ने सरकार पर योजनाओं को बंद करने, नाम बदलने और जरूरी मुद्दों पर विफल रहने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों और किसानों को समय पर मदद नहीं मिली और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर सरकार का रुख ढुलमुल रहा।
जूली ने यह भी कहा कि विधानसभा में जनता के सवालों के जवाब लाना विपक्ष का मुख्य उद्देश्य रहेगा। उन्होंने सरकार से ईआरसीपी के एमओयू को सार्वजनिक करने और एसआई भर्ती जैसे मामलों पर पारदर्शी जवाब देने की मांग की। पेपर लीक के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि सरकार पर्ची के भरोसे चल रही है और अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
राजस्थान की जनता की उम्मीदें विधानसभा से जुड़ी हैं, और कांग्रेस का कहना है कि वे सुनिश्चित करेंगे कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार जवाबदेह बने।