Jaipur : बाड़मेर। ओबीसी आरक्षण विसंगति समाप्त होने के निर्णय के बाद बाद पहली बार बुधवार को बाड़मेर आए हरीश चौधरी ने इशारों-इशारों में बाड़मेर के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की चेतावनी पर तंज कसा और हेमाराम चौधरी के इस्तीफा देने की मंशा का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मंत्री हेमाराम चौधरी ने मुझे कहा था कि ओबीसी आरक्षण में मेरे इस्तीफा से कोई फैसला आता है तो मैं पद छोड़ दूं। लेकिन मैने उनसे आग्रह करते हुए मना किया। उनसे कहा कि केबिनेट में उनकी जरूरत है। हरीश ने कार्यक्रम में प्रसिद्ध पंक्तियां ‘मैने कब्रिस्तान में उन लोगों की भी कब्रें देखी है, जिन्होंने इसलिए संघर्ष नहीं किया कि कहीं मारे नहीं जाए’ का भी उल्लेख किया। जिसे राजनीतिक हलकों में इशारों में तंज के रूप में देखा जा रहा है।’
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मंगलवार को 15-20 मिनट अकेले में बात की, माना जा रहा है कि आलाकमान ने दोनों को वेणुगोपाल के जरिए ये संदेश दिया कि पार्टी अब अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। वेणुगोपाल ने न सिर्फ दो मंत्रियों को मीडिया में बयानबाजी करने के लिए डांटा, बल्कि पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी को भी भरी मीटिंग में लताड़ा। वेणुगोपाल के तेवर देख कर बैठक में सन्नाटा पसर गया। वेणुगोपाल, मंगलवार को एयरपोर्ट से सचिवालय पहुंचे। वहां उन्होंने एक बैठक में भाग लिया। इसके बाद वे वार रूम में पहुंचे। जहां गहलोत और पायलट समेत समिति के सभी 43 सदस्य मौजूद थे। वेणुगोपाल ने दो मंत्रियों के नाम लिए बिना इस बात पर नाराजगी जताई कि वे बेवजह मीडिया में बाइट्स देते रहते हैं।
बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि किसी के मन में कोई बात है तो वह कहेगा ही। इस पर वेणुगोपाल उखड़ गए। उन्होंने कहा, आपके मन में कुछ है तो बोलें। चौधरी ने कहा कि मेरे मन में बहुत कुछ है, लेकिन मैं यात्रा समाप्त होने के बाद बोलूंगा। यह सुन कर वेणुगोपाल और भड़क गए। उन्होंने कहा … वाट डू यू मीन…? यू आर सीडब्लूसी मेंबर, यू आर इंचार्ज ऑफ पंजाब कांग्रेस। हाऊ कैन यू से लाइक दिस ? (आप सीडब्ल्यूसी के मेंबर हैं, आप पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हैं। इतने वरिष्ठ होने के बावजूद आप इस तरह की बात कैसे कह सकते हैं? ) वेणुगोपाल के लहजे को भांप कर चौधरी समेत अन्य नेताओं ने भी चुप्पी साध ली। वेणुगोपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी नेता पार्टी के अनुशासन में रहें, यदि किसी ने गड़बड़ की तो फिर वह कार्रवाई के लिए तैयार रहे। यात्रा के दौरान तो अनुशासित रहना है ही। यात्रा के बाद भी इसे कायम रखें, ताकि अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी जीत हासिल करें।