Kota : कोटा शहर में कोचिंग पढ़ने आने वाले बच्चों के सुसाइड के मामलों को रोकने के लिए अब एक सख्त एक्शन प्लान बनाया जाएगा। हालांकि यह प्लान कब तक तैयार होगा और उसे किस तरह इम्प्लीमेन्ट किया जाएगा यह तो समय बताएगा लेकिन कोटा शहर में 3 कोचिंग स्टूडेंट के एक साथ सुसाइड के मामलों ने प्रशासन को हिला कर रख दिया है। बच्चों के सुसाइड के बाद मंगलवार को रेंज आईजी प्रसन्न जीत खमेसरा ने कोचिंग स्टूडेंट इलाकों वाले पुलिस थानों के अधिकारियों और कोचिंग संचालकों की एक मीटिंग ली। इस मीटिंग में कोचिंग संस्थानों के लिए जारी की गई गाइडलाइन की पालना को लेकर चर्चा हुई साथ ही सुसाइड के मामलों को किस तरह रोका जा सकता है इसे लेकर विचार विमर्श किया गया। आईजी ने बताया कि कोचिंग संस्थान संचालकों से इस संबंध में एक एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा है ताकि बच्चे स्ट्रेस फ़्री हो सके और उन्हें कोचिंग संस्थान में स्कूल कॉलेज ऐसा माहौल मिले। उन्होंने कहा कि जल्दी आ एक्शन प्लान कोचिंग संचालक बना कर देंगे जिसे इम्प्लीमेन्ट किया जाएगा। हालांकि एक्शन प्लान किस तरह का होगा इसे लेकर आई जी का कहना है कि कोचिंग संचालक एक्शन प्लान बनाएंगे और प्रशासन के समक्ष रखेंगे।
रविवार को छुट्टी पर चर्चा
कोटा में कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को तनाव फ्री करने के लिए रविवार को कोचिंग में छुट्टी को लेकर भी चर्चा हुई। बेटे में इस बात पर चर्चा की गई कि आखिर 1 दिन का बच्चों को रेस्ट दिया जाए और साथ ही क्लास रूम में बच्चों की संख्या भी सीमित की जाए। अभी स्थिति यह है कि बच्चों को संडे का रेस्ट नहीं मिल पाता है और संडे को बच्चों का टेस्ट होता है। साथ ही एक क्लास रूम में 100 से लेकर 200 तक बच्चे पढ़ते हैं। इस बात को लेकर भी चर्चा हुई कि कोचिंग संस्थानों में होने वाले टेस्ट की रैंकिंग जारी ना की जाए बल्कि बच्चों के सिर्फ नंबर जारी किए जाएं ताकि बच्चा अपने आप में इंसल्ट महसूस ना करें। क्योंकि रैंक जारी होने पर कम नंबर आने वाला बच्चा इंसल्ट महसूस करता है।
गाइडलाइन की पालना के निर्देश
बैठक में आईजी ने सभी कोचिंग संस्थानों को कोचिंग के लिए बनाई गई गाइडलाइन की पालना के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि समय-समय पर वहां यह सुनिश्चित करें कि गाइडलाइन की पालना हो रही है या नहीं हो रही। बैठक में उन्होंने इस तरह के केस डील करने वाले पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा की। गाइड लाइन में बच्चों की काउंसलिंग और मेंटर की व्यवस्था करने का भी प्रावधान है। हालांकि कोचिंग संस्थानों का दावा है कि यह व्यवस्था सभी कोचिंग संचालकों ने की हुई है। जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करने के लिए कोचिंग संचालकों को पाबंद किया गया है। साल 2018 में भी गाइडलाइन साहित्य और हाल में ही नवंबर 2022 में भी कुछ गाइडलाइंस जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में मल्टीपल कारण होते हैं।