जयपुर:-सरकार ने सदन में कहा वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिया जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं, 31 जनवरी को विधानसभा में सरकार से पूछा गया था प्रश्न, कई महिला संगठनों ने की थी महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने की मांग
10 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश किए जाने वाले बजट से पूर्व ही राजस्थान की महिला कार्मिकों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है।गहलोत सरकार ने सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने से साफ इनकार कर दिया है। सरकार के इस फैसले को महिला कार्मिकों के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने कहा कि पीरियड्स के दौरान महिला कार्मिकों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिया जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
31 जनवरी को प्रश्नकाल में लगा था सवाल
दरअसल 31 जनवरी को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा गया था कि “क्या यह सही है कि सरकार को प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड के दौरान वर्क फ्रॉम होम दिए जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, क्या सरकार उक्त महिलाओं को पीरियड के दौरान वर्क फ्ऱॉम होम सुविधा देने के आदेश जारी करने का विचार रखती है यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्यों?
जिस पर सरकार ने माना कि प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम दिए जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुआ है लेकिन फिलहाल प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिए जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
सामाजिक और महिला संगठनों ने की थी मुख्यमंत्री से मांग
दरअसल राजस्थान के सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिए जाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। प्रदेश के कई महिला संगठनों ने भी महिला बाल विकास विभाग और मुख्यमंत्री गहलोत से भी पीरियड के दौरान वर्क फ्रॉम होम देने की मांग की थी।
महिला संगठनों में निराशा
इधर सरकार की ओर से वर्तमान में महिला कार्मिकों को वर्क फ्रॉम होम सुविधा दिए जाने से इनकार करने के बाद प्रदेश के महिला संगठनों और सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों में भी अंदर खाने नाराजगी देखने को मिल रही है। महिला संगठनों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को महिला कार्मिकों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देनी चाहिए।