राजस्थान विधानसभा में अडाणी को लेकर जमकर हंगामा:देवनानी बोले- गहलोत किसके साथ- राहुल या अडाणी के?

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जयपुर:- राजस्थान विधानसभा में आज बजट पर बहस के दौरान अडाणी मामले पर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने जब मुख्यमंत्री और अडाणी के संबंध को लेकर बोलना शुरू किया सरकार के मंत्री-विधायकों ने विरोध किया। इस बीच काफी देर तक हंगामा होता रहा।

वहीं,सचिन पायलट समर्थक विधायक (विराटनगर) इंद्राज गुर्जर ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाए। गुर्जर ने कहा- पानी की भारी कमी है।

अगर ईआरसीपी नहीं आई तो हमारे 13 जिलों में पानी नहीं बचेगा। पीएम मोदी भी दौसा आए। ईआरसीपी पर गोलमाल करके चले गए। राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ईआरसीपी पर एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं।

उन्होंने कहा- जलशक्ति मंत्री राजस्थान के हैं। क्यों समाधान नहीं निकालते। कोई कमी है तो केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर समाधान निकालना चाहिए। जनता इस बात को नहीं मानती कि कि कौनसी पार्टी ने क्या किया? पानी देने में विफल रहे तो जनता न कांग्रेस को बख्शेगी और न बीजेपी को। विधानसभा में ईआरसीपी पर विशेष चर्चा करनी चाहिए।

तो हमारे कामों पर पानी फिर जाएगा

इंद्राज गुर्जर ने कहा- पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। हमने सड़क लेकर हॉस्पिटल तक बनवाएं हैं। हमने सब अच्छा बनाया, लेकिन जब लोगों को पानी नहीं मिलता है तो इन सब कामों पर पानी फिर जाता है।

आज हम सत्ता में हैं, कल पता नहीं कौन होगा? आगे जनता जवाब मांगेगी कि ईआरसीपी के इस प्रोजेक्ट का लटकाने का दोषी कौन होगा। जिस भी स्तर पर कमियां हैं, हमें उन्हें ठीक करके आगे बढ़ना होगा।

राठौड़ ने किया समर्थन, रघु शर्मा का तंज
इंद्राज गुर्जर ने जब ईआरसीपी पर विशेष सत्र बुलाने का सुझाव दिया तो उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसका समर्थन करते हुए कहा- यह उत्तम सुझाव है।

ईआरसीपी पर सत्र बुलाइए हम बहस करने को तैयार हैं। कांग्रेस विधायक रघु शर्मा ने राठौड़ पर तंज कसते हुए कहा- राठौड़ साहब, आपके पीछे तो धरातल ही नहीं है।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार के मंत्री विधायकों के आसान से सवालों में ही कंफ्यूज होते दिखे। देवली उनियारा से कांग्रेस विधायक हरीश मीणा के जनजाति छात्रावास खोलने से जुड़े सवाल पर टीएडी मंत्री अर्जुन बामणिया घिर गए। मंत्री बामणिया ने अवने जवाब में कहा- देवली-उनियारा में आवासीय स्कूल खोला जाएगा। मंत्री के जवाब पर आपत्ति जताते हुए हरीश मीणा ने कहा- मंत्री जनजाति छात्रावास और आवासीय स्कूल को एक ही समझते हैं क्या, दोनों में कोई अंतर नहीं है? मैंने जनजाति छात्रावास खोलने के बारे में पूछा है। जवाब आवासी स्कूल खोलने का दिया है।

मंत्री के जवाब पर स्पीकर सीपी जोशी ने दखल देते हुए कहा- आपसे सवाल जनजाति छात्रवास का पूछा है, और आप स्कूल खोलने का जवाब दे रहे हैं। आप जनजाति छात्रावास खोलेंगे या नहीं, यह सीधा जवाब दे दीजिए। मंत्री ने स्पीकर की डांट के बाद कहा कि जनजाति छात्रवास खोला जाएगा।

टीएडी मंत्री बामणिया ने कहा- आवासीय स्कूल और छात्रावास अलग अलग होते हैंं। आवासीय स्कूल वे हैं, जहां बच्चा दिन में पढ़ाई करने के बाद उसी कैंपस में रहता है। छात्रावास वे हैं, जहां से बच्चों को पढ़ने दूसरी स्कूल जाना होता है। उनके रहने की व्यवस्था होती है। देवली उनियरा क्षेत्र में जनजाति छात्रावास खोला जाएगा।

स्पीकर ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर को डांटा,कांग्रेस विधायक ने कहा-इन्हें आगरा भेजिए

प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक मदन दिलावर को स्पीकर ने जमकर डांट लगाई। मदन दिलावर ने बेघर लोगों का सर्वे करवाकर उनके पुनर्वास से जुड़ा सवाल पूछा था। इस पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री टीकाराम जुली ने बेघरों का सर्वे करवाकर जनआधार कार्ड बनवाने का ब्यौरा दिया। मंत्री के जवाब के बाद दिलावर ने कुछ सवाल पूछे। स्पीकर ने दिलावर को तीसरा सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी। फिर भी वे खड़े होकर बोलते रहे।

दिलावर बिना स्पीकर की अनुमति के बोलते रहे। स्पीकर ने दिलावर को जमकर डांटते हुए कहा- इस तरह नहीं चलेगा। स्पीकर ने उपनेता प्रतिपक्ष से अपने विधायकों को अनुशासन में रखने की हिदायत दी। इसी बीच बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने दिलावर पर टिप्पणी करते हुए कहा- इन्हें आगरा पागलखाने भेज ​दीजिए।

राजेंद्र राठौड़ बोले- राजस्थान में शराब की तरह ब्लड की तस्करी, सरकार स्पेशल टास्क फोर्स बनाए

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान ब्लड बैंक से कुत्तों के सैंपल ले जाने का मामला गूंजा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा- 11 फरवरी को ब्लड बैंक से मरीजों के सैंपल कुत्ते उठाकर ले गए। यूपी की टास्क् फोर्स ने लखनऊ से 3000 ब्लड की थेलियां पकड़ी। जिनमें सैलाइन वाटर डालकर मात्रा दोगुनी की। यूपी एसटीएफ ने राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर को सूचित किया था कि इन पर राजस्थान का मार्का है। यूपी एसटीएफ से इनपुट मिलने के बावजूद सरकार ने कार्रवाई नहीं की। राजस्थान में शराब तस्करी की तर्ज पर ब्लड तस्करी शुरू हो चुकी है। सरकार को ब्लड तस्करी की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करना चाहिए।

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