जयपुर:-सरकारी मुख्य सचेतक पद से महेश जोशी के इस्तीफे को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा उनके इस्तीफे को गत 25 सितम्बर की विधायक दल की बैठक को लेकर अनुशासनहीनता पर कार्रवाई का हिस्सा बता रहे है, वहीं ये भी कह रहे हैं कि ये एक व्यक्ति एक पद के नियम के चलते भी ऐसा किया गया है। वहीं महेश जोशी का कहना हैं कि यदि मेरे इस्तीफे को मेरे खिलाफ कार्रवाई बताया जा रहा हैं तो प्रदेश को ऐसी अगली कार्रवाई का भी इंतजार हैं जब पार्टी और सरकार को कमजोर करने का काम किया गया।
रंधावा कल जयपुर आए थे और आज उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आगे भी कार्रवाई होगी। उन्होंने ये भी कहा कि 25 सितंबर की घटना उनके आने से पहले हुई थी और हाईकमान ने जो मुझे निर्देश दिए, वह मैनेें कर दिए। गौरतलब हैं कि इसी मामले में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन को भी नोटिस दिए थे लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं पायलट की नाराजगी के मामले में रंधावा ने कहा कि जो कुछ भी मनमुटाव है उसे खत्म किया जाएगा। वैसे पायलट नाराज नहीं है, ये तो सब मीडिया की ही उपज है।
तीन माह पहले ही दे दिया था इस्तीफा :वहीं महेश जोशी का कहना है कि वे तो तीन माह पहले ही सरकारी मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे चुके हैं और अभी बजट सत्र शुरु होने से पहले उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से पद मुक्त करने का आग्रह किया था। जोशी ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा के बयान पर जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने कहा कि प्रभारी रंधावा के बयान का मैं सम्मान करता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि इस्तीफा स्वीकृत होने के बाद मैं रिलेक्स महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि अगर मुख्य सचेतक पद से इस्तीफे को रंधावा कार्रवाई का हिस्सा बता रहे हैं तो अब शेष अनुशासनहीनता के मामलों में भी प्रदेश को कार्रवाई का इंतजार है। उन्होंने ये भी कहा कि वे प्रेशर में काम करने वाले व्यक्ति नहीं है। अगर हाईकमान पहले कहता या इससे आगे का अपेक्षित करता हैं तो वे ये भी कर देंगे। उन्होंने कहा कि जो कुछ उन्हें मिला है वह पार्टी और मुख्यमंत्री ने दिया है।