स्कूल जा रहे बच्चे को लेपर्ड ने मार डाला:बड़ा भाई साथ में था,जंगल के रास्ते में हमला;7 घंटे तक ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

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उदयपुर में 10 साल के बच्चे को लेपर्ड ने मार डाला। बच्चा सुबह करीब 7 बजे अपने बड़े भाई के साथ स्कूल जा रहा था। दोनों भाइयों के साथ उनकी दो रिश्तेदार भी थीं। तभी रास्ते में लेपर्ड ने हमला कर दिया और बच्चे को दबोच लिया।

उसके भाई और महिलाओं ने शोर मचाया तो ग्रामीण दौड़कर आए और बच्चे को छुड़वाया। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। घटना फलासिया थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत बिछीवाड़ा की है।

फलासिया थानाधिकारी सीताराम ने बताया- उदयपुर में झाड़ोल के अस्पताल की मॉर्च्युरी में शव को रखवाया गया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंपा जाएगा।

घर से कुछ दूरी पर हमला
जानकारी के अनुसार, पीपली फला निवासी शिव कुमार पुत्र लालू खराड़ी शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे घर से स्कूल जाने के लिए निकला था। शिव राजकीय प्राथमिक विद्यालय बीड़ा फला में पांचवीं क्लास में पढ़ता था। साथ में उसका बड़ा भाई प्रेम भी था, जो गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिछीवाड़ा में दसवीं क्लास में पढ़ता है। दोनों के स्कूल जाने का सेम रास्ता है।

दोनों भाइयों के साथ दो महिला रिश्तेदार भी थीं। चारों पीपली फला से बीड़ा फला के लिए निकले थे। घर से कुछ ही दूरी पर गोपा माता तालाब (बड़ा भीलवाड़ा) के पास धरेल महादेव के जंगल के रास्ते में अचानक लेपर्ड ने शिव पर हमला कर दिया।

घटना के बाद पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बच्चा लहूलुहान हालत में पड़ा था। उसकी मौत हो चुकी थी।

उदयपुर से रेस्क्यू टीम को बुलाया
वन विभाग की टीम लेपर्ड काे रेस्क्यू करने की कोशिश कर रही है। घटना स्थल पर उदयपुर से वन विभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाया गया है। घना जंगल होने की वजह से रास्ता नहीं है और वहां केवल पगडंडी ही है। ऐसे में वहां पर पिंजरा ले जाना भी चुनौती बना हुआ है। अब जेसीबी मंगवाई है, जिससे घटना स्थल तक रास्ता बनवाकर पिंजरा भेजा जाएगा।

वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी दिलीप गुर्जर ने कहा- वे विभागीय काम से जयपुर आए हुए हैं। सूचना मिलते ही मौके पर स्टाफ को भेज दिया है। वे भी जयपुर से निकल गए हैं।

परिजन और ग्रामीणों ने 7 घंटे किया प्रदर्शन
घटना के बाद ग्रामीणों ने मौके पर वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दो महीने पहले भी लेपर्ड के हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। उसके परिजन को आज तक मुआवजा नहीं दिया गया। जब तक उस युवक और इस बच्चे के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक शव नहीं उठाएंगे। सात घंटे बाद परिजन और ग्रामीण मांग माने जाने के बाद पोस्टमॉर्टम करवाने को सहमत हो गए।

जंगल से रास्ता पार कर बिछीवाड़ा आते ग्रामीण
फलासिया के बिछीवाड़ा ग्राम पंचायत से 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर पीपला फला नाम की बस्ती है, जहां करीब 50 घर हैं। वहां रहने वाले ग्रामीण रोजमर्रा के कार्यों के लिए पैदल धरेल महादेव के जंगल के रास्ते से बिछीवाड़ा आते हैं।

गांव से 25 बच्चे जाते हैं स्कूल
पीपली फला गांव के करीब 25 बच्चे राजकीय प्राथमिक स्कूल बीड़ा फला में पढ़ने जाते हैं। इस रास्ते पर दो महीने पहले भी लेपर्ड के हमले में युवक की मौत हो गई थी। तब से ग्रामीणों ने इस रास्ते से अकेले जाना बंद कर दिया है। रोजाना स्कूली बच्चों को करीब 3 किलोमीटर दूर स्कूल तक छोड़ने के लिए साथ में आते-जाते हैं।

दो महीने में दूसरा हमला
23 जून 2024 को इस घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर महुआ एकत्रित करने गए बिछीवाड़ा निवासी लक्ष्मी लाल (55) पर लेपर्ड ने हमला कर दिया था। उनकी भी मौत हो गई थी।

बांसवाड़ा में ग्रामीण और वन रक्षक पर लेपर्ड का हमला
उधर, बांसवाड़ा में गुरुवार शाम लेपर्ड ने एक ग्रामीण और वनरक्षक पर हमला कर दिया। गढ़ी रेंज के खोड़न वन नाका के उंबाड़ा गांव के युवक कमा भील (45) पुत्र हरिया पर लेपर्ड ने हमला कर दिया। युवक खेत में काम कर रहा था। पीछे से लेपर्ड ने उसके जबड़े पर पंजा मार दिया। इससे वह गंभीर घायल हो गया। ग्रामीणों ने युवक को परतापुर सीएचसी में भर्ती करवाया।

वन विभाग गढ़ी रेंज का स्टाफ लेपर्ड को रेस्क्यू करने पहुंचा। इस दौरान वन रक्षक नरेश पाटीदार पर भी लेपर्ड ने हमला कर दिया। वन रक्षक का कंधा जख्मी हो गया। उन्हें भी परतापुर सीएचसी में भर्ती करवाया गया।