नई दिल्ली:-दिल्ली नगर निगम (MCD) के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी और भाजपा पार्षदों में एक बार फिर मारपीट हो गई। दरअसल, काउंटिंग के दौरान एक वोट को मेयर ने अनवैलिड घोषित कर दिया था। इसके बाद मेयर ने रीकाउंटिंग का आदेश दिया। इसी आदेश के बाद हंगामा शुरू हो गया। पार्षदों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। मारपीट में कई पार्षद घायल हो गए। एक पार्षद की हालत खराब हो गई।
सूत्रों की मानें तो स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में दोनों पार्टी के तीन-तीन सदस्य जीते थे। इन चुने हुए सदस्यों की लिस्ट पर मेयर शैली ओबेरॉय ने साइन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने एक वोट को अनवैलिड बताकर रिकॉउंटिंग का आदेश दिया। रीकाउंटिंग के फैसले पर निगम सचिव ने साइन करने से मना कर दिया। इस पर मेयर और निगम सचिव के बीच तल्ख बातचीत हो गई।
दोनों के बीच हुई तनातनी के दौरान भाजपा पार्षदों ने अनवैलिड वोट को वैलिड करने की मांग की तो मेयर ने कहा कि अनवैलिड वोट को मान्य नहीं कर सकते। इस पर भाजपा पार्षद टेबलों पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। उन्हें रोकने के लिए AAP पार्षद आगे बढ़े तो दोनों पार्टियों के पार्षदों में मारपीट शुरू हो गई। हंगामे के बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा- अब चुनाव 27 फरवरी को होगा।
इधर, AAP पार्षदों ने भाजपा पार्षदों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दिया। उनका आरोप था कि भाजपा पार्षदों ने आम आदमी पार्टी की महिला पार्षद को जान से मारने की कोशिश की।
भाजपा के पुरुष पार्षदों ने मेयर को फिजिकली असॉल्ट किया: AAP विधायक
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा- MCD के हाउस में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी गुंडागर्दी अपनी लफंगई का नमूना पेश किया। हमारी मेयर पर बुरी तरह से हमला किया। उन्हें जान बचाकर हाउस से भागना पड़ा। वे हाउस से बाहर गईं। तब भाजपा के पुरुष पार्षदों ने उन्हें फिजिकली असॉल्ट किया।
काउंटिंग के समय जब उन्हें समझ आया कि वे एक वोट से हारने वाले हो तो उन्होंने (भाजपा पार्षदों ने) हमला शुरू कर दिया। भाजपा की यह गुंडागर्दी देखकर पूरा देश शर्मसार है। भाजपा वालों अपनी गुंडागर्दी बंद करो। लोकतंत्र का सम्मान करो। जनादेश को स्वीकार कीजिए। महिला मेयर पर हमला हुआ है इस मामले में हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।
बेईमानी कर रही थी AAP: भाजपा विधायक
भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा- AAP बेईमानी करना चाहती है। जबरन वोट को अमान्य घोषित किया गया। चुनाव परिणामों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। भाजपा बेईमानी नहीं होने देगी। आम आदमी पार्टी का यह व्यवहार दिल्ली की जनता के लिए चिंता का विषय है। हमारे कई पार्षद घायल हो गए। जिस तरह से पार्षदों को पीटा गया है, AAP ने दिखा दिया है कि वे गुंडों की पार्टी हैं। अदालत को मामले का संज्ञान लेना चाहिए।
250 में से 242 सदस्यों ने ही वोट डाले
मेयर चुनाव बीत जाने के दो दिन बाद शुक्रवार को स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के लिए वोटिंग हुई। 250 सदस्यों वाली MCD में 242 सदस्यों ने ही वोट डाले। वोटों की गिनती के दौरान एक वोट अनवैलिड हुआ तो भाजपा पार्षदों ने चीटर-चीटर और चोर-चोर के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर मेयर शैली ओबेरॉय ने रीकाउंटिंग का आदेश दिया था।
इससे पहले, AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया था कि MCD स्थाई समिति के छह सदस्यों के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 138 वोट मिले हैं, जबकि उनके पास 134 पार्षद हैं। इनमें से एक सुबह भाजपा में चले गए। 138 वोट मिलने का मतलब है कि भाजपा के 5 पार्षदों ने AAP को वोट दिया है।
AAP ने लगाए गद्दार-गद्दार के नारे
शुक्रवार सुबह जैसे ही मतदान शुरू हुआ बवाना से आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद पवन सहरावत भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि अभी और पार्षद भाजपा में शामिल होंगे। सदन में जैसे ही वोटिंग के लिए उनका नाम पुकारा गया तो AAP पार्षदों ने गद्दार-गद्दार के नारे लगाए। इस पर भाजपा पार्षदों ने भी AAP के खिलाफ नारेबाजी की।
क्यों है MCD की स्टैंडिंग कमेटी पर इतना बवाल
स्टैंडिंग कमेटी ही MCD में सबसे ताकतवर है। यह कमेटी कॉर्पोरेशन का कामकाज और मैनेजमेंट का काम देखती है। इसके अलावा प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मंजूरी, नीतियों को लागू करने से पहले चर्चा और उसे अंतिम रूप देने का काम भी इसी कमेटी के हाथ में है। यानी निगम की मुख्य डिसीजन-मेकिंग बॉडी यह कमेटी ही है।
स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं। इस कमेटी में एक चेयरपर्सन और डेप्युटी चेयरपर्सन होता है। इन्हें स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों में से चुना जाता है। मेयर चुनाव के बाद 6 सदस्यों को MCD हाउस में सीधे चुना जाता है। दिल्ली में MCD 12 जोन में बंटी है। हर जोन में एक वार्ड कमेटी होती है जिसमें क्षेत्र के सभी पार्षद और नॉमिनेटेड एल्डरमैन शामिल होते हैं। स्टैंडिंग कमेटी में जोन प्रतिनिधि भी होते हैं। ऐसे में अगर यहां भी भाजपा हारती है तो उसके पास MCD में कुछ नहीं बचेगा।
हंगामे के कारण बुधवार को रुका था चुनाव
बुधवार, 22 फरवरी को मेयर चुनाव हुआ था। इसके बाद होने वाला यह स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव हंगामे के बाद रुक गया। सिर्फ 47 पार्षद ही वोट डाल पाए थे। BJP फिर से चुनाव कराने की मांग पर डटी थी। इससे पहले बुधवार दोपहर से गुरुवार सुबह तक सदन की कार्यवाही 6 बार स्थगित की गई थी। BJP ने AAP पर वोट की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया है। इसके बाद कार्यवाही शुक्रवार सुबह तक स्थगित कर दी गई।
कुछ पार्षद मोबाइल ले आए, इसलिए हुआ हंगामा
बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के दौरान कुछ पार्षद मोबाइल ले आए। इस पर भाजपा के पार्षदों ने आपत्ति जाहिर की। हंगामा इसी को लेकर शुरू हुआ। नवनिर्वाचित मेयर शैली ओबेरॉय अपनी कुर्सी पर थीं और भाजपा के सदस्य वहीं पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने बैलेट बॉक्स पलट दिया। इसके बाद आप और भाजपा दोनों के पार्षदों के बीच मारपीट शुरू हो गई। सदन में हर तरफ सदस्य एक-दूसरे से लड़ते-भिड़ते और हाथापाई करते नजर आए। महिलाओं ने भी एक-दूसरे पर हमला किया। इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई।
AAP के 4, भाजपा के 2 और एक निर्दलीय प्रत्याशी
MCD स्थाई समिति के 6 सदस्यों के लिए 7 प्रत्याशी मैदान में हैं। AAP ने आमिल मलिक (श्री राम कॉलोनी वार्ड), रमिंदर कौर (फतेह नगर वार्ड), मोहिनी जीनवाल (सुंदर नगरी वार्ड) और सारिका चौधरी (दरियागंज वार्ड) को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा से कमलजीत सहरावत (द्वारका-बी वार्ड) और पंकज लूथरा (झिलमिल वार्ड) प्रत्याशी हैं। निर्दलीय पार्षद गजेंद्र सिंह दराल भी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए।
आठ पार्षदों ने नहीं डाला वोट
MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में 250 में से 242 पार्षदों ने वोटिंग की। पार्षद मनदीप सिंह, अरीबा खान, नाजिया दानिश, समीर अहमद, शगुफ्ता चौधरी जुबैर, सबिला बेगम, नाजिया खातून और जरीफ ने वोटिंग नहीं की। दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। ये कांग्रेस के पार्षद बताए जा रहे हैं।
शैली 38 दिन पद पर रहेंगी….डिप्टी मेयर भी AAP का
- नगर निगम चुनाव के 80 दिन बाद 22 फरवरी को दिल्ली को नया मेयर मिला। शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले। उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया। दिल्ली को 10 साल बाद महिला मेयर मिली है। 2011 में भाजपा की रजनी अब्बी आखिरी महिला मेयर थीं। इसके बाद 2012 में शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली नगर निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था। 2022 में इन हिस्सों को मिलाकर फिर एक कर दिया गया। इसके बाद यह MCD का पहला चुनाव था।
- शैली ओबेरॉय 38 दिन ही मेयर पद पर रह सकेंगीं। दरअसल, DMC की धारा दो (67) के अनुसार निगम का साल अप्रैल माह की पहली तारीख से शुरू होता है, जो अगले साल 31 मार्च को समाप्त होगा। ऐसे में फरवरी के आज से पूरे 7 दिन और मार्च के 31 दिन को मिलाकर उनका कार्यकाल सिर्फ 38 दिनों का बचा है। इसके बाद दोबारा से एक अप्रैल को मेयर का चुनाव होगा।
- AAP के आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर चुना गया है। उन्हें 147 वोट मिले। उन्होंने BJP के कमल बागड़ी को हराया।