ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी केस में एक्शन,राजस्थान पुलिस के डीजीपी ने दिए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश,गुरूग्राम भेजी टीम

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-सवाई मानसिंह अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में एसीबी जांच पड़ताल में जुटी हुई है. गुरुग्राम में अंगों की खरीद-फरोख्त का मामला उजागर होने के बाद राजस्थान पुलिस मुख्यालय से डीजीपी यूआर साहू ने उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ को जांच के निर्देश दिए गए हैं. डीजीपी के निर्देश पर जयपुर पुलिस कमिश्नर ने एक टीम गठित करके गुरूग्राम भेजी है. वहीं एसीबी की ओर से चिकित्सकों से भी पूछताछ की जा रही है.

राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में ऑर्गन डोनेशन की फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में राजस्थान पुलिस अंग तस्करी का लिंक खंगालने में लगी है. लेकिन हरियाणा पुलिस ने बाजी मारते हुए किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश कर दिया. बांग्लादेश और अन्य देशों से किडनी बेचने के लिए विदेशी नागरिक भारत में आते थे. विदेशी नागरिक को जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में ले जाकर किडनी निकाली जाती थी. ऑपरेशन के बाद विदेशी नागरिक को जयपुर के फोर्टिस अस्पताल से गुरुग्राम के एक होटल में शिफ्ट कर दिया जाता था.

राजस्थान डीजीपी ने दिए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश : गुरुग्राम में अंगों की खरीद फरोख्त का मामला उजागर होने के बाद राजस्थान पुलिस के डीजीपी यूआर साहू ने उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ को डीजीपी ने निर्देश दिए हैं. डीजीपी के निर्देश पर जयपुर पुलिस कमिश्नर ने एसीपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में गुरुग्राम में एक टीम भेजी है. जयपुर पुलिस की टीम गुरुग्राम जाकर पूरे मामले की जानकारी जुटाएगी. इस पूरे मामले को लेकर जयपुर पुलिस का भी बड़ा एक्शन हो सकता है.

NOC जारी करने वाली कमेटी में शामिल तीन डॉक्टरों से पूछताछ: ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में एनओसी जारी करने के लिए बनी हुई कमेटी में शामिल तीन डॉक्टरों से एसीबी ने पूछताछ की है. तीनों डॉक्टरों के हस्ताक्षर के नमूने लिए गए हैं. अब हस्ताक्षर के नमूने को जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा. वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल और ईएचसीसी अस्पताल से सीज किए गए दस्तावेजों और फाइलों की एसीबी ने स्क्रूटनी शुरू कर दी है. फर्जी ऑर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी जारी करने के मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से भी पूछताछ जारी है.

मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया : राजस्थान एसीबी के डीआईजी डॉ. रवि के मुताबिक अब तक की जांच पड़ताल में सामने आया है कि करीब 1000 से ज्यादा एनओसी जारी की जा चुकी है. इन एनओसी की सत्यता की जांच की जा रही है. आरोपी गौरव के घर से जब्त किए गए एनओसी सर्टिफिकेट में से 40 प्रतिशत विदेशी नागरिकों के पाए गए हैं. नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया के नागरिकों के एनओसी सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यालय में काफी फाइलें सीज की गई है. एसीबी 3 साल तक केस की फाइलो को खंगालेगी. एसीबी की ओर से पकड़े गए एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ई.एच.सी.सी. अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर अनिल जोशी के साथ ही अन्य आरोपी विनोद से पूछताछ में कई खुलासे सामने आए हैं. सर्च के दौरान गौरव के घर पर मिली करीब 40 फीसदी एनओसी सर्टिफिकेट विदेशी नागरिकों के पाए गए है। जो नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया सहित अन्य देशों के नागरिकों के है. एसीबी के रडार पर अब प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले करीब एक दर्जन अस्पताल है. जांच में मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया है.

बता दें कि रविवार देर रात को सवाई मानसिंह अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण के संबंध में कर्मचारी और दलाल को एनओसी जारी करने की एवज में 70,000 रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया था. एसीबी ने मामले में सवाई मानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी और फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विनोद को गिरफ्तार किया था. अंग प्रत्यारोपण मामलों में एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत का लेन-देन हो रहा था. आरोपी की ओर से बिना कमेटी की बैठक बुलाए ही फर्जी हस्ताक्षरों से एनओसी प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे.