एडिशनल एसपी ने मांगी 2 करोड़ की रिश्वत, गिरफ्तार:दलाल के जरिए मांगे पैसे; ACB ने पांच ठिकानों पर मारा छापा

Ajmer Rajasthan

अजमेर :- 2 करोड़ की रिश्वत मांग कर परेशान करने के मामले में जयपुर एसीबी टीम ने अजमेर में एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले घर की तलाशी ली गई। मित्तल पर एनडीपीएस (नशे की तस्करी) के मामले में दलाल के जरिए डरा धमका कर रिश्वत मांगने का आरोप है। एसीबी राजस्थान में कुल 5 जगह कार्रवाई कर रही है।

कार्रवाई के दौरान भास्कर से बातचीत में दिव्या मित्तल ने कहा- ड्रग माफियाओं को ट्रैक करने का इनाम मिला है। उन्होंने कोई रिश्वत नहीं मांगी है।

जयपुर एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह ने बताया कि एसीबी मुख्यालय जयपुर में पिछले दिनों एक केस दर्ज हुआ। इसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि निर्दोष होते हुए उसका नाम नहीं रखने की एवज में दो करोड़ की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।

दिव्या ने कहा था- दलाल का फोन आएगा
शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल ने मुझसे कहा था कि तुम्हारे पास दलाल का फोन आएगा। इसके बाद दलाल का मेरे पास फोन आया। मुझे उदयपुर बुलाया गया। वहां दिव्या मित्तल के रिसॉर्ट और फॉर्म हाउस में दलाल ने डरा-धमका कर दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी। इसके बाद एसीबी को शिकायत की गई।

दलाल पैसे लेने आया था, लेकिन नहीं हो पाई कार्रवाई
एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि शिकायत के बाद वेरिफिकेशन करवाया गया। दलाल पैसे लेने के लिए आ भी गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। सोमवार को कोर्ट से वारंट लेकर 5 स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है।

अजमेर, उदयपुर, झुंझुनूं और जयपुर के ठिकानों पर छापा
शिकायतकर्ता ने बताया- दिव्या मित्तल के लिए पहली किस्त के तौर पर 25 लाख रुपए दलाल को देने गया था। जो शक होने के कारण फरार हो गया था। इधर, एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ने के लिए ट्रैप का इंतजाम भी कर लिया था, लेकिन फेल हो गया।

एसीबी को घूस की डिमांड की बात सही होने की जानकारी मिली तो कोर्ट के आदेश से सर्च वारंट जारी करवाया। दिव्या मित्तल के सभी ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। अजमेर में जयपुर रोड पर स्थित एआरजी सोसायटी में दिव्या के फ्लैट में खुद दिव्या के सामने सर्च कार्रवाई को अंजाम दिया। अजमेर के अलावा जयपुर, उदयपुर और झुंझुनूं में 5 जगहों पर छापा चल रहा है।

दिव्या मित्तल का आरोप- पुलिसवाले ड्रग माफियाओं से मिले
कार्रवाई के दौरान दैनिक भास्कर से बातचीत में दिव्या मित्तल ने कहा- ड्रग माफियाओं को ट्रैक करने का इनाम मिला है। मैंने कोई रिश्वत नहीं मांगी है। मित्तल ने कहा कि अगर मैंने रिश्वत मांगी होती तो मैं यहां नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि यह सब ड्रग माफियाओं का रैकेट है, ताकि उनके पास से फाइल हट जाए, क्योंकि मैं उन्हें लगातार ट्रैक कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अजमेर जिला पुलिस के कई अधिकारी इसमें मिले हुए हैं।

पकड़ी गई थी 16 करोड़ से ज्यादा की नशीली दवा
बता दें कि मई 2021 में अजमेर पुलिस ने कुल 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाइयां पकड़ी थीं। इसमें जयपुर में 5.5 करोड़ और अजमेर में दो बार कार्रवाई कर 11 करोड़ की दवाइयां जब्त की जा चुकी हैं। यह सभी दवाइयां विभिन्न ब्रांड की थी, लेकिन अधिकांश में साल्ट ट्रामोडोल है।

ये कार्रवाई की थी

  • 23 मई 2021 को जयपुर की विश्वकर्मा पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के पास टेम्पो को पकड़ा था। इसमें मोहम्मद ताहिर को गिरफ्तार किया गया। इसमें करीब 5 करोड़ की दवाइयां थीं।
  • 24 मई 2021 को अजमेर के रामगंज के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर 114 कार्टन नशीली दवाएं बरामद की थी। इसकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए बताई गई थी।
  • 1 जून 2021 को रामगंज व अलवरगेट थाना पुलिस ने करीब 5 करोड़ 53 लाख रुपए कीमत की अवैध दवाओं के 110 कार्टन बरामद किए थे। इसमें 35 लाख टेबलेट, इंजेक्शन और सिरप थे।

मामले में पुलिसवालों पर हुई थी कार्रवाई

नशीली दवाओं के मामले की जांच में कोताही बरतने पर अजमेर जिला पुलिस के तत्कालीन डीएसपी मुकेश सोनी, क्लॉक टावर थानाधिकारी दिनेश कुमावत, एसओजी के इंस्पेक्टर भूराराम खिलेरी को रेंज से बाहर कर दिया था। इन पर आरोपियों को बचाने का आरोप था। तत्कालीन डीजीपी ने कोर्ट के आदेश के बाद तीनों को रेंज से बाहर कर दिया था।

4 जनवरी को मिली थी शिकायत
एसीबी के एडीजी दिनेश शर्मा ने बताया कि 4 जनवरी को शिकायतकर्ता उनके पास आया था। उसने बताया था कि हरिद्वार में दवा बनाने की एक कंपनी है। उससे दलाल के जरिए 2 करोड़ की रिश्वत की डिमांड की गई थी। एसीबी ने इस संबंध में अपनी यूनिट को तैयार कर लिया।

12 जनवरी को एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ट्रैप की कार्रवाई करने के लिए जयपुर से रवाना हुए। इस दौरान शिकायतकर्ता एडिशनल एसपी के पास पहुंचा। इस दौरान एडिशनल एसपी 50 लाख में राजी हो गई। 25 लाख काम से पहले और 25 लाख काम के बाद देने की बात तय हुई। आरोपी दलाल ने उस दौरान पैसा नहीं लिया।

इस पर डिप्टी एसपी मांगीलाल को इस मामले की जांच दी गई। मांगीलाल ने कोर्ट से इस संबंध में सर्च करने की परमिशन मांगी। सर्च की कार्रवाई रविवार को ही शुरू कर दी गई है। अब महिला एडिशनल एसपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू हो गई है।

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