आफताब ने चाइनीज चॉपर से श्रद्धा के टुकड़े किए:चॉपर गुरुग्राम, सिर महरौली के जंगलों में फेंका; पौने 2 घंटे चला पोस्ट नार्को टेस्ट

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नई दिल्ली :- श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का शुक्रवार को ‘पोस्ट नार्को टेस्ट इंटरव्यू’ हुआ। इसमें फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) टीम ने आफताब से 1 घंटा 45 मिनट तक सवाल किए। टीम सुबह 11 बजे तिहाड़ जेल पहुंच गई थी। आज आफताब से वे सवाल पूछे गए, जिनके जवाब पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में अलग थे।

नार्को टेस्ट और इंटरव्यू दोनों में ही आफताब ने श्रद्धा की हत्या की बात कबूली है। आफताब ने बताया कि उसने चाइनीज चॉपर से श्रद्धा के शव के टुकड़े किए। बाद में उसने चॉपर गुरुग्राम में अपने दफ्तर के पास झाड़ियों में कहीं फेंक दिया था।

आफताब ने बताया कि उसने श्रद्धा के सिर को महरौली के जंगलों में ही फेंका था। वहीं, श्रद्धा का फोन उसने मुंबई में समुद्र में फेंक दिया था, जिसे दिल्ली पुलिस अब तक बरामद नहीं कर पाई है। पहले नार्को टेस्ट इंटरव्यू FSL के ऑफिस में होना था, लेकिन आफताब की सुरक्षा को देखते हुए टीम ने टेस्ट तिहाड़ जेल में ही करने का फैसला किया।

श्रद्धा का मोबाइल अभी तक नहीं मिला
फोरेंसिक साइंस लैब के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीव गुप्ता के मुताबिक गुरुवार को हुए नार्को टेस्ट में भी आफताब ने श्रद्धा की हत्या की बात कबूली है। उसने श्रद्धा के मोबाइल और कपड़े कहां फेंके हैं, इसकी भी जानकारी दी है।

दिल्ली पुलिस गुरुवार सुबह 8.40 बजे आफताब को लेकर रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल पहुंची थी, जहां टेस्ट से पहले उसकी सामान्य जांच की गई। अधिकारियों के मुताबिक नार्को टेस्ट गुरुवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और करीब 2 घंटे बाद खत्म हो गया था।

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक आफताब ने टेस्ट में पूछे गए ज्यादातर सवालों के जवाब अंग्रेजी में दिए। संजीव गुप्ता ने बताया कि नार्को टेस्ट के दौरान फोरेंसिक लैब रोहिणी के साइकोलॉजिस्ट, फोटो एक्सपर्ट और अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर मौजूद रहे। इससे पहले आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट में भी श्रद्धा की हत्या की बात कबूल की थी।

आफताब से पूछताछ से जुड़ी 3 जरूरी बातें…

1. ब्रेन मैपिंग भी हो सकती है
मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अगर आफताब का नार्को टेस्ट बेनतीजा रहा तो पुलिस आफताब की ब्रेन मैपिंग करने पर विचार कर सकती है। इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।

2. आफताब हर बात मान रहा, यहीं शक गहराया
जांच में शामिल एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि आफताब बहुत चालाक है और कभी भी मामले में नया मोड़ ला सकता है। अभी तक वह पुलिस की हर बात मान रहा है, जांच में सहयोग कर रहा है। यहां तक कि पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिए भी राजी हो गया। पुलिस को उसके इस अच्छे व्यवहार पर संदेह हो रहा है।

3. पूछताछ के दौरान आफताब बेहद कॉन्फिडेंट
पुलिस सूत्रों से यह जानकारी भी मिली है कि पूछताछ के दौरान आफताब बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंट था। उसने बहुत तेजी से और रिलैक्स होकर जवाब दिया। इससे लगा कि वह पहले से सोच-समझकर जवाब देता है। पुलिस को शक यह भी है कि जब सितंबर-अक्टूबर में आफताब को मुम्बई पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, उस वक्त भी श्रद्धा के कुछ बॉडी पार्ट्स उसके दिल्ली वाले फ्लैट में मौजूद थे।

पॉलीग्राफ टेस्ट का नतीजा- आफताब ने हत्या की बात कबूल की, लेकिन अफसोस नहीं
आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा हो गया है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूछताछ के दौरान आफताब ने कबूल किया है कि उसी ने श्रद्धा की हत्या की। साथ ही यह भी कहा कि उसको श्रद्धा की हत्या का कोई अफसोस नहीं है।

  • मीडिया रिपोर्ट्स में टेस्ट करने वाली टीम से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आफताब ने हत्या के बाद लाश जंगल में फेंकने की बात स्वीकार की है।
  • उसने बताया कि कई लड़कियों से उसने डेटिंग ऐप के जरिए दोस्ती की।
  • श्रद्धा की हत्या से पहले और उसके बाद भी उसके दूसरी लड़कियों से रिश्ते थे।

पॉलीग्राफ टेस्ट से लौटते वक्त आफताब पर हुई थी हमले की कोशिश

रोहिणी FSL में सोमवार शाम को हुए हमले में आफताब को बचाने वाले पुलिसकर्मियों को इनाम मिला है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने तारीफ करते हुए उनको 10-10 हजार रुपए दिए हैं। आफताब को ले जा रही पुलिस वैन पर रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के बाहर 4-5 लोगों ने हमले की कोशिश की थी। इनके हाथों में तलवारें थीं। पुलिस ने इन हमलावरों से आफताब को बचाया था।

आफताब के ब्रेन मैपिंग की भी संभावना, जानिए ये क्या है?
हमारा दिमाग अरबों न्यूरॉन से बना है। ये न्यूरॉन ही शरीर के सभी हिस्सों से दिमाग तक संदेश पहुंचाते हैं और दिमाग के मैसेज को शरीर के सभी अंगों तक भेजते भी हैं। ये मैसेज का वेव के रूप में आदान-प्रदान करते हैं। ब्रेन मैपिंग टेस्ट में इन्हीं तरंगों को मॉनिटर किया जाता है। इससे शख्स की मेंटल हेल्थ कंडीशन का पता लगाया जाता है।

वहीं, क्रिमिनल से राज उगलवाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रोसेस में आरोपी से सवाल किए जाते हैं और जब वह जवाब देता है तब उसकी प्रतिक्रिया को मॉनीटर किया जाता है।

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