यूपी में कांवड़ मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को सीएम योगी ने यह आदेश दिया।
सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। यूपी के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में भी यह आदेश लागू कर दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया। कहा- यह फैसला चुनावी लाभ के लिए है। यह प्रयास धर्म विशेष के लोगों का आर्थिक बायकॉट करने का है। वहीं, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा- यह अव्यावहारिक कार्य है। इसको तत्काल निरस्त करना चाहिए।
यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। पुलिस का तर्क था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। मतलब, दुकानदार का धर्म पता चल सकेगा।
इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। यूपी में हर साल 4 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से जल उठाते हैं।
देवबंद ने कहा- आपस में बढ़ेंगी दूरियां
इस मामले पर देवबंद की तरफ से भी बयान आया है। देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा- इस फैसले से दूरियां पैदा होगी और जो फिरका परस्त लोग हैं, उन्हें मौका मिलेगा कि वह दुकानों में हिंदू-मुस्लिम कर सकें। उनको फसाद करने में आसानी होगी। मुफ्ती असद कासमी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस पर एक बार और गौर किया जाए, क्योंकि आपने देखा हुआ कि हिंदू मजहब के लोग हर साल कावड़ लेकर जाते हैं तो मुस्लिम कावड़ियों के लिए कैम्प लगाते हैं। मुस्लिम उनके खाने-पीने का इंतजाम करते हैं और पुष्प वर्षा भी करते हैं, इससे आपस में दूरियां पैदा होंगी।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने किया समर्थन
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा – कांवड़ यात्रा के मार्ग पर ढाबा संचालकों, फल विक्रेताओं और अन्य स्टॉल मालिकों के लिए सहारनपुर पुलिस ने जो एडवाइजरी जारी कि है उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मौलाना ने कहा- पुलिस की एडवाइजरी कानून व्यवस्था के लिए है, क्योंकि यह एक धार्मिक यात्रा है और पुलिस ने यह व्यवस्था इसलिए लागू की है ताकि इसमें हिंदू-मुस्लिम विवाद न हो।
मायावती बोलीं- धर्म विशेष का आर्थिक बायकाट की कोशिश