अजमेर:-प्रदेश के जेल प्रहरियों का आंदोलन अपनी मांगों के लिए और 23 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुए फैसले को लागू करवाने के लिए लियोन 21 जून से 7 दिन पूर्व प्रदेश की समस्त जनों में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया था इसके बावजूद भी सरकार ने उसके और कोई ध्यान नहीं दिया ।
मजबूर जेल प्रहरियों को फिर से 21 जून से अपनी ड्यूटी का भली-भांति निर्वहन करते हुए मैस का बहिष्कार और भूखे रहकर अपना आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन को अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत प्रदेश और सभी जिलों के एकीकृत महासंघ ने समर्थन दिया है। सहयोग दिया है उनके बैनर तले यह आंदोलन शुरू किया।
अजमेर की सेंट्रल जेल में प्रातः 11:00 और हाई सिक्योरिटी जेल महिला जेल के जेल प्रहरी होने ड्यूटी का निर्वहन करते हुए अपना आंदोलन शुरू किया। 21 जून को आंदोलन में जिला एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष कांति कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष दिग्विजय, नाथ शर्मा, कैलाश चंद्र मेहरा, शिव सिंह, गजेंद्र सिंह राठौड़, संगठन मंत्री मोहनलाल बिलवाल, भागचंद योगी,मोहनलाल चौधरी, मोहनलाल चंडालिया, राजकुमार बाघमार, अर्जुन यादव, अनिल कुमार, माणक चंद जैन, गंगाचरण जाटव, दिनेश शर्मा सहित वीपी सिंह जेल प्रहरियों का प्रतिनिधित्व करने वाले और भवानी सिंह जेल प्रहरी नेता केंद्रीय कार्यालय अजमेर और उनके समस्त साथियों की अगुवाई में यह आंदोलन शुरू हुआ।
22 जून गुरुवार को प्रदेश में जिला कलक्टरों के माध्यम से सीएम गहलोत और डीजी जेल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएंगे। ज्ञापन में 23 जनवरी 2023 को जो फैसला सीएम गहलोत की अध्यक्षता में हुआ उसको लागू किया जाए जेल प्रहरियों का वेतन लेवल 3 से 5 किया जाए और आरएसी-राजस्थान पुलिस के बराबर वेतन भत्ते एक समान दिया जाए