राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच जल बंटवारे पर सहमति,”राम जल सेतु लिंक परियोजना” को मिली मंजूरी

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राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर हुए समझौते को अब नया नाम “राम जल सेतु लिंक परियोजना” दिया गया है। इस परियोजना के तहत 5195 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी का बंटवारा होगा, जिससे दोनों राज्यों की करीब 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी।

राज्यसभा में सांसद घनश्याम तिवाड़ी के सवाल के जवाब में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने स्पष्ट किया कि इस जल परियोजना का 65% हिस्सा राजस्थान को मिलेगा, जबकि 35% पानी मध्य प्रदेश को आवंटित किया जाएगा।

राजस्थान को अधिक लाभ

राजस्थान को इस योजना के तहत कुल 3309 एमसीएम पानी मिलेगा, जिसमें से 1360 एमसीएम पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस पानी से 2.5 लाख हेक्टेयर नए इलाके में सिंचाई सुविधा विकसित होगी, जबकि 1.5 लाख हेक्टेयर पुराने सिंचाई क्षेत्र को स्थिर किया जाएगा।

इसके अलावा, 1744 एमसीएम पानी पेयजल के लिए इस्तेमाल होगा, जिससे राज्य के कई जिलों को राहत मिलेगी। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को भी 205 एमसीएम पानी आवंटित किया गया है।

मध्य प्रदेश को कितना पानी मिलेगा?

मध्य प्रदेश को इस परियोजना से 1886 एमसीएम पानी मिलेगा। इसमें 1815 एमसीएम पानी सिंचाई के लिए होगा, जिससे राज्य के 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती को लाभ मिलेगा। वहीं, 71 एमसीएम पानी पेयजल आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। मध्य प्रदेश में शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर समेत कई जिलों को इस योजना से पानी मिलेगा।

किन जिलों को मिलेगा लाभ?

राजस्थान में 21 जिलों को इस योजना के तहत पेयजल आपूर्ति की योजना बनाई गई थी, जिनमें झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, जयपुर और अजमेर जैसे जिले शामिल हैं। हालांकि, हाल ही में इनमें से कुछ जिलों को इस योजना से हटा दिया गया है।

इस जल परियोजना को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही थी और राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के बीच जल बंटवारे पर आपत्ति जता रही थी। लेकिन अब राज्यसभा में सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब आने के बाद इस समझौते की तस्वीर साफ हो गई है।