टोंक:-बम्बोर गेट स्थित राज्य कृषि प्रबन्धन संस्थान तत्वावधान में 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण शिविर का श्याम संस्थान में शनिवार को समापन समारोह आयोजित हुआ जिसमें प्रशिक्षार्थियो को खुदरा उर्वरक प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
उपनिदेशक कृषि शस्य एवं सह निदेशक रतन लाल मीणा ने बताया कि राज्य कृषि संस्थान जयपुर के निदेशक ईश्वर लाल यादव ने 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के समापन सत्र में कहा कि खुदरा उर्वरक विक्रेताओ को कृषि की नवीनतम तकनीकी, कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी एवं कृषि आदानों के व्यापार से सम्बन्धित कानूनों की जानकारी में दक्ष होना जरूरी है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना नही करना पड़े , कृषि आदान विक्रेताओं को कृषि का तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक है जिसके माध्यम से पौधो में लगने वाले कीट एवं व्याधि के निदान के लिए कृषि विभाग द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार सही दवा किसानों को उपलब्ध करा सकेगें।
संयुक्त निदेशक केके मंगल ने कहा कि राज्य के जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्दों,कृषि अनुसंधान केन्दों, कृषि महाविद्यालयों, परियोजना निदेशक आत्मा के कार्यालय द्वारा कृषि आदान विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, तत्पश्चात कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा बीज, कीटनाशी एवं उर्वरक का लाईसेन्स विभाग की और से जारी किया जाता है।
पाठ्यक्रम सह निदेशक संजय अरोड़ा ने बताया कि उर्वरक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 32 विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा एवं 10 सत्रो में प्रायोगिक कार्य एवं क्षेत्र भ्रमण तथा जयपुर स्थित गुण नियन्त्रण हेतु राज्य उर्वरक प्रयोगशाला का क्षेत्र भ्रमण करवाया गया। इस अवसर पर सहायक निदेशक महिपाल शर्मा, सहायक निदेशक प्रशिक्षण किशन घांसल, कृषि अनुसंधान अधिकारी राजेश चौधरी,कृषि अधिकारी कजोड मल गुर्जर, ने भी विचार व्यक्त किये।कृषि पर्यवेक्षक संजय अरोडा ने बताया कि राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान निदेशक ईश्वर लाल यादव, संयुक्त निदेशक के के मंगल एवं सह निदेशक रतनलाल मीणा ने प्रशिक्षाथियो को खुदरा उर्वरक प्रमाण पत्र वितरित किये गये। समारोह का शुमारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया ।