मैनपुरी:-मैनपुरी में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सांसद डिंपल यादव अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। डिंपल यादव के नामांकन में अखिलेश यादव के साॅफ्ट हिंदुत्व की इमेज दिखाई दी। अखिलेश ने डिंपल के नामांकन के लिए अष्टमी के दिन का शुभ मुहूर्त चुना। नामांकन से पहले डिंपल ने कन्या पूजन किया, इसके बाद मां दुर्गा के मंदिर में दर्शन करने पहुंची। घर से निकलने के बाद सीधे डिंपल और अखिलेश नेता जी की समाधि स्थल पर पहुंचे।
यहां डिंपल ने कहा-आज अष्टमी का दिन है मां दुर्गा के आशीर्वाद के साथ जनता का भी आशीर्वाद भी मिलेगा। वहीं, डिंपल के साथ पहुंचे अखिलेश यादव ने बसपा के प्रत्याशी बदलने का जवाब दिया। उन्होंने कहा-कि हो सकता है बसपा को अपना प्रत्याशी कमजोर लग रहा हो इसलिए बदल दिया है। उन्हें लगता होगा कहीं समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी तो नहीं एडजस्ट कर दिया।
शुभ मुहूर्त के अनुसार किया नामांकन
सबसे पहले सांसद डिंपल यादव के लिए पहले सेट का नामांकन पत्र लेकर जिला अध्यक्ष सपा अलोक शाक्य कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचें। फिर नामांकन में शामिल होने के लिए सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद यादव कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। इसके कुछ ही देर में सांसद डिंपल यादव कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची।
सैफई में अखिलेश के एक पारिवारिक सदस्य ने बताया कि नामांकन तो एक दो दिन पहले ही किया जाना था। लेकिन शुभ मुहूर्त अष्टमी के दिन का निकल रहा था, इसी लिए भैया (अखिलेश) ने आज का दिन चुना। दोपहर बारह बजे के बाद नामांकन किया जाएगा।
डिंपल यादव ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस दौरान अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव और सपा जिला अध्यक्ष अलोक शाक्य मौजूद रहे।
अखिलेश लगातार सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ रहे…2 बड़े उदाहरण
नैमिषारण्य से लोकसभा चुनाव का आगाज
बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे की काट निकालने के लिए अखिलेश यादव लगातार सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ रहे हैं। इसकी पटकथा नैमिषारण्य से शुरू किए गए लोकसभा चुनाव के आगाज से ही हो गई थी। नैमिषारण्य हिंदू धर्म में पूजनीय धरा है जहां पुराणों की रचना की गई है। यहां अखिलेश की मौजूदगी में 151 बेदी पर बैठकर वैदिक मंत्रोचार से यज्ञ किया गया था। इसके बाद अखिलेश ने ललिता देवी मंदिर में जीत के लिए देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया था।
इटावा में बड़े शिव मंदिर का निर्माण
इटावा में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भव्य शिव मंदिर बनवा रहे हैं। इस मंदिर के लिए लाई गई शालिग्राम की शिला का पूजन सपा कार्यालय लखनऊ में कि इस मंदिर में केदारनाथ की झलक देखने को मिलेगी। यह मंदिर इटावा के सीतलपुर गांव के सामने करीब 2 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। इसमें नंदी जी की 10 फीट की मूर्ति भी होगी।
इधर, डिंपल ने बेटी के साथ संभाला चुनाव प्रचार
डिंपल यादव मैनपुरी में प्रचार के दौरान अपनी बेटी अदिति के साथ दिखती थी। उनके साथ उनकी बेटी अदिति यादव मंच पर दिखाई दीं। उन्होंने कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट न लेते हुए कार्यकर्ताओं के बीच ही बैठी रहीं। अदिति के इस अंदाज ने समर्थकों और कार्यकर्ताओं का दिल जीत लिया। उनकी सादगी लोगों के मन को भा गई। उन्होंने लोगों से मां डिंपल यादव को दोबारा संसद भेजने की अपील की।
2019 में मुलायम को मिली थी जीत
2019 लोकसभा चुनाव के लिए मैनपुरी से 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जहां मुख्य मुकाबला सपा से मुलायम सिंह यादव और बीजेपी के प्रेम सिंह शाक्य के बीच था।
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से एसपी के मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की, उन्हें 5,24,926 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी के प्रेम सिंह शाक्य 4,30,537 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और आईएनडी. के सवेन्द्र सिंह 2,631 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। वहीं मुलायम सिह की मौत के बाद उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने रघुराज सिंह शाक्य को 2,88,461 वोटों से हराया था।
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में चली मोदी लहर का इस सीट पर कोई असर देखने को नहीं मिला था और तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उनके सीट छोड़ने के बाद हुए उपचुनाव में तेजप्रताप सिंह यादव ने भी भारी अंतर से चुनाव जीता। तेजप्रताप सिंह यादव को यहां करीब 65 फीसदी वोट मिले, जबकि उनके सामने खड़े बीजेपी के उम्मीदवार को सिर्फ 33 फीसदी वोट मिले थे। 2014 उपचुनाव में यहां करीब 62 फीसदी मतदान हुआ था।
2014 के चुनाव में 2 जगहों से जीत हासिल करने के बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और उन्होंने आजमगढ़ को अपना संसदीय क्षेत्र चुना था। बाद में हुए उपचुनाव में उनके पोते तेजप्रताप सिंह यादव बड़े अंतर से जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे थे।