अमेरिका ने चीन से आने वाले सामान पर 104% टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जो 9 अप्रैल से प्रभावी हो गया है। इसका सीधा असर यह होगा कि चीनी वस्तुएं अब अमेरिका में पहले से दोगुने से अधिक कीमत पर बिकेंगी।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस फैसले को मज़बूत आर्थिक नीति बताते हुए कहा कि जो इसकी आलोचना कर रहे हैं, वे “बदमाश और धोखेबाज़” हैं। उन्होंने कहा, “हम टैरिफ से हर दिन 2 बिलियन डॉलर कमा रहे हैं। कई देश हमें लूटते रहे हैं, अब वक्त है कि हम लूटें।”
शेयर बाजार में भारी गिरावट
टैरिफ की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। S&P 500 कंपनियों के कुल बाजार मूल्य में 5.8 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जो 1957 से अब तक की सबसे बड़ी चार दिन की गिरावट है।
टैरिफ में लगातार इज़ाफा
ट्रम्प ने फरवरी और मार्च में क्रमशः 10-10% टैरिफ लगाए थे। इसके बाद अप्रैल की शुरुआत में 34% और जोड़ा गया। अब चीन को कुल 104% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से आने वाले सामान पर समान टैरिफ लगाया है।
चीन का जवाब: ‘हम तैयार हैं’
चीन ने अमेरिका की इस नीति को “ब्लैकमेलिंग” बताया है और साफ कहा है कि अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो चीन पूरी तरह तैयार है। सरकारी अखबार पीपल्स डेली ने लिखा कि अमेरिका के टैरिफ का असर होगा, लेकिन ‘आसमान नहीं गिरेगा’।
भारत पर भी असर
भारत के कपड़ा निर्यात पर भी 26% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है। इसके कारण अमेरिकी खरीदारों ने पानीपत के एक्सपोर्टर्स के ऑर्डर रोक दिए हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में इस मुद्दे पर एक अहम बैठक बुलाई है।
टेस्ला पर टिप्पणी, मस्क नाराज़
ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो ने टेस्ला को कार निर्माता नहीं बल्कि “कार असेंबलर” बताया, जिससे मस्क नाराज़ हो गए और उन्हें “बेवकूफ” कह डाला। मस्क पहले ही ट्रम्प से टैरिफ नीति में बदलाव की मांग कर चुके हैं।
रिपब्लिकन पार्टी में भी असहमति
ट्रम्प की टैरिफ नीति को लेकर उनकी पार्टी में भी मतभेद उभर आए हैं। सीनेटर मिच मैककोनल, रैंड पॉल समेत कई नेताओं ने इसे ‘असंवैधानिक और अर्थव्यवस्था के लिए घातक’ बताया है।
ट्रम्प की सफाई: “कोई महंगाई नहीं”
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका में महंगाई नहीं है और टैरिफ से सिर्फ थोड़े समय की परेशानी होगी, लेकिन इसका दीर्घकालिक लाभ देश को मिलेगा।
यूरोपीय यूनियन समझौते को तैयार
यूरोपीय यूनियन ने अमेरिका को इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है। आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि टैरिफ का सीधा नुकसान अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यापारियों को हो रहा है।
निष्कर्ष
अमेरिका और चीन के बीच यह टैरिफ युद्ध वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर डाल सकता है। भारत समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था भी इसकी चपेट में आ सकती है। आने वाले दिनों में इस विवाद का असर घरेलू महंगाई, व्यापार और निवेश पर भी दिख सकता है।