अमृतसर:-पंजाब पुलिस भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए 5 राज्यों की खाक छान रही है, मगर वह फरारी में भी एंज्वायमेंट करता दिख रहा है। पुलिस की तलाश के दावों के बीच अमृतपाल सिंह और उसके साथी पपलप्रीत की एक सेल्फी सामने आई है। जिसमें फरारी के बाद पहली बार अमृतपाल का पूरा चेहरा साफ नजर आया है। जिसमें वह महरून पगड़ी बांधे हुए और चिपकी दाढ़ी में नजर आ रहा है। वहीं, अब अमृतपाल सिंह के नेपाल पहुंचने की इनपुट्स आयी हैं
नेपाल के अखबार की एक खबर के मुताबिक, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को कांसुलर सेवा विभाग को भेजे एक पत्र में सरकारी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि यदि अमृतपाल नेपाल से भागने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए।
इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अमृतपाल भारत से नेपाल पहुंच चुका है। वह नेपाल से किसी तीसरे देश भागने की तैयारी में हैं। भारतीय ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह खालिस्तान समर्थक भगोड़े कार्यकर्ता और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश में भागने से रोके। अगर वह भारतीय पासपोर्ट या किसी फेक पासपोर्ट का प्रयोग करके भागने की कोशिश करता है तो उसे जाने की अनुमति ना दें और गिरफ्तार कर लें।
हालांकि इस पर अभी तक पंजाब पुलिस, पंजाब सरकार या फिर केंद्र सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अमृतपाल का गनमैन गिरफ्तार
वहीं पुलिस ने अमृतपाल के सबसे करीबी गनमैन वरिंदर जौहल को गिरफ्तार किया है। उस पर NSA (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) लगाया है। इसके बाद उसे भी असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है। जौहल समेत अब तक 8 आरोपी डिब्रूगढ़ जेल भेजे जा चुके हैं।
उधर अमृतपाल सिंह के दूसरे गनमैन तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा से पूछताछ जारी है। पंजाब पुलिस के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने भी उससे पूछताछ की। उसके फोन से पुलिस को खालिस्तान बनाने से जुड़े अहम डॉक्यूमेंट्स बरामद हुए थे।
अमृतपाल का थाईलैंड कनेक्शन
इसके साथ ही पुलिस ने अमृतपाल सिंह के थाईलैंड कनेक्शन पर भी जांच शुरू की गई है। दरअसल, दुबई में रहते हुए अमृतपाल सिंह कई बार थाईलैंड के चक्कर लगा चुका है। पुलिस का अनुमान है कि अमृतपाल नेपाल या पाकिस्तान के रास्ते थाईलैंड ही भागना चाहता है। पुलिस को थाईलैंड कनेक्शन के पीछे दो बड़े कारण दिख रहे हैं।
पहला, अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत कलसी के भी थाईलैंड में कनेक्शन सामने आए हैं। दलजीत कलसी बीते 13 सालों में 18 बार थाईलैंड होकर आया था।
दूसरा, अमृतपाल भी कई बार थाईलैंड आ-जा चुका है। यह भी बात सामने आई है कि अमृतपाल की कोई महिला दोस्त भी थाईलैंड में है। दलजीत और अमृतपाल के कनेक्शन आसानी से उन्हें वहां छिपा व सेटल कर सकते हैं।
सिद्धू की पॉपुलैरिटी की आड़ में बीजा खालिस्तान का बीज
पुलिस जांच में अमृतपाल सिंह का एक और कारनामा सामने आया है। अमृतपाल सिंह खुद को वारिस पंजाब दे का मुखी कहलवा कर समाजसेवा नहीं करना चाहता था। वह सिर्फ वारिस पंजाब दे संस्था को शुरू करने वाले पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की पॉपुलैरिटी को भुनाना चाहता था और उसकी आड़ में खालिस्तान का बीज पंजाब में बोना चाहता था।
दीप सिद्धू के भाई एडवोकेट मनदीप सिद्धू ने अमृतपाल को वारिस पंजाब दे संगठन के डॉक्यूमेंट नहीं सौंपे। फिर भी वह दीप सिद्धू के नाम का फायदा उठाना था। इसलिए अमृतपाल सिंह ने अपने एक साथी के साथ मिल कर “वारिस पंज-आब दे” नाम की संस्था का गठन कर दिया।
समाज सेवा के लिए बनाया था यह संगठन
दीप सिद्धू ने 4 जुलाई, 2022 को फतेहगढ़ साहिब में ‘सर्व शिक्षा अभियान’ को बढ़ावा देने, प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, नशा करने वाले युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने और लोगों की मदद करने के लिए एक संगठन बनाया था। यह पदाधिकारियों की भूमिकाओं और चुनाव सहित सख्त नियमों के साथ स्थापित किया गया था। मनदीप ने कहा कि यह संगठन उनके दिवंगत भाई के पंजाब के लोगों की सेवा करने के सपने को पूरा करने के लिए बनाया गया था।
दीप सिद्धू परिवार ने अमृतपाल को उत्तराधिकारी नहीं माना
अगस्त 2022 में जब अमृतपाल विदेश से लौटा तो ‘वारिस पंजाब दे’ के कागजों की मांग मनदीप सिद्धू से की, लेकिन परिवार ने संस्था के कागज देने से मना कर दिया। सिद्धू परिवार ने अमृतपाल को दीप की विचारधारा के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दीप ने फरवरी 2022 में अपनी दुखद सड़क दुर्घटना से पहले अमृतपाल का नंबर ब्लॉक कर दिया था।
संस्था के नाम पर धोखाधड़ी
इसके बाद अचानक से ‘वारिस पंज-आब दे’ नामक एक नया संगठन सामने आया। जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था। यह मोगा जिले में पंजीकृत था, इसकी स्थापना तिथि 15 दिसंबर, 2021 बताई गई थी। फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक हो गई, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। जिसके बाद लोगों ने मान लिया कि अमृतपाल दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन का ही प्रमुख है।
अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि ‘वारिस पंज-आब दे’ की स्थापना संभावित रूप से पिछले दिनों की थी। मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला ने संस्था को रजिस्टर करवाया और पता “गुरु नानक फर्नीचर स्टोर” बताया था।
एक बैग लेकर कुरुक्षेत्र से निकला अमृतपाल
अमृतपाल सिंह को कुरुक्षेत्र में पनाह देने वाली बलजीत कौर ने पुलिस को अहम जानकारियां दी हैं। उसके फोन से मिले डाटा के आधार पर पुलिस लगातार अमृतपाल सिंह के करीबियों को पकड़ रही है। वहीं, बलजीत कौर ने पुलिस को बताया कि अमृतपाल जब उसके घर रुका था तो अपने साथ दो बैग लेकर आया था। जबकि एक बैग वे घर ही छोड़ गया और सिर्फ एक ही बैग लेकर आगे रवाना हुआ। इसके अलावा अपनी श्री साहिब को भी वह उतार बलजीत कौर के घर ही छोड़ गया था।
अमृतपाल के समर्थन में पोस्टर लगाने वाले नाबालिग हिरासत में
उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में अमृतपाल सिंह के समर्थन में नारे लिखे पोस्टर चिपका दिए गए। पुलिस ने जांच के बाद 12 को हिरासत में लिया। जांच में सामने आया कि पकड़े गए 12 आरोपियों में से 10 नाबालिग थे। जिसके बाद दो को पकड़ कार्रवाई की गई, जबकि 10 को समझा कर घर भेज दिया गया। यह सभी आरोपी अमृतपाल सिंह के पोस्टर चिपका कर अमृतपाल को रिहा करने की मांग कर रहे थे।
बुक्कनवाला पर भी लगा NSA
पुलिस ने बुक्कनवाला को पहले ही हिरासत में ले रखा है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगे हुए हैं और वह इस समय असम में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है। पूछताछ के दौरान, गुरमीत बुक्कनवाला ने दावा किया कि संगठन बहुत बाद में स्थापित किया गया था। मोगा जिले से इसे पंजीकृत करने के लिए कुछ संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था।
लखीमपुर खीरी में आखिरी लोकेशन
अमृपताल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए 5 राज्यों में सर्च अभियान अभी भी चल रहा है। वहीं पंजाब और दिल्ली पुलिस की एक टीम नेपाल भी पहुंची है। केंद्रीय इंटेलिजेंस विंग नेपाल पहुंची टीमों को इनपुट्स भेज रहा है, जिसके आधार पर नेपाल में सर्च चल रही है। इसके साथ ही अमृतपाल सिंह की आखिरी लोकेशन लखीमपुर खीरी में मिली है। लखीमपुर खीरी से नेपाल बॉर्डर की दूरी अधिक नहीं है।
अब तक 353 गिरफ्तार
पंजाब पुलिस इस पूरे घटनाक्रम के दौरान 353 लोगों को हिरासत में लिया है। डीजीपी पंजाब गौरव यादव का कहना है कि सीएम मान ने पंजाब के युवाओं को परेशान ना करने की हिदायत दी है। जिसके बाद पंजाब पुलिस रविवार तक 193 लोगों को रिहा कर चुकी है।
5 पॉइंट्स में समझें अमृतपाल की गिरफ्तारी से जुड़ी घटनाएं
– गोरखा बाबा को पनाह देने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़ा गया बलवंत सिंह खन्ना के गुल्ही गांव का रहने वाला है। बलवंत सिंह के बारे में खुद गोरखा ने पुलिस को जानकारी दी है।
– अमृतपाल के साथी पप्पलप्रीत की बहन-जीजा को जम्मू से हिरासत में लिया गया। अमृपताल ने 20 बार अपनी बहन व जीजा को कॉल की।
– श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल सिंह को सरेंडर करने की सलाह दी है।
– हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के अनुसार अमृतपाल की सूचना देने के डेढ़ दिन बाद पंजाब पुलिस हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंची। तब तक अमृतपाल सिंह भाग चुका था।
– अमृतपाल ने पाकिस्तान से 6 AK47 और AK56 मंगवाई। ताकि अपने साथियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे सके।