सोमवार |
शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने गाँव हड़वा में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीणों से मुलाकात की, जहां सोलर कंपनियों की मनमानी और वादाखिलाफी से आक्रोशित ग्रामीण अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह धरना 5 दिसंबर से जारी है, जिसमें शिव क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों ने सोलर कंपनियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।
ग्रामीणों का आरोप: सोलर कंपनियों की वादाखिलाफी और मनमानी
ग्रामीणों का कहना है कि सोलर कंपनियों ने उनकी जमीन को लीज पर लेते समय बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन उन वादों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही हैं। किसानों का आरोप है कि सोलर कंपनियों ने उनकी जमीन 6-8 लाख रुपये प्रति बीघा की दर से लीज पर लेने का प्रावधान तो किया, लेकिन कंपनियों ने बिचौलियों के साथ साठगांठ कर किसानों को बहुत कम मुआवजा देकर ठग लिया।
इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि जब कोई किसान या ग्रामीण इन अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, तो सोलर कंपनियां उस व्यक्ति पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा देती हैं और पुलिस के माध्यम से उसे डराने-धमकाने का प्रयास करती हैं। यह न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि ग्रामीणों के संवैधानिक अधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।
CSR और अन्य वादों में भी दिखी कंपनियों की उदासीनता
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सोलर कंपनियों ने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत गांव में विकास कार्य करवाने और अन्य कई वादे किए थे, लेकिन इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। न ही बुनियादी सुविधाओं का विकास हुआ और न ही ग्रामीणों की जरूरतों को प्राथमिकता दी गई। इससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।
ग्रामीणों की 15 सूत्रीय मांगें और प्रशासन की निष्क्रियता
ग्रामीणों ने 15 सूत्रीय मांगें प्रशासन के समक्ष रखी हैं, जिसमें उचित मुआवजा और सभी वादों को पूरा करने की शर्त शामिल है। जब तक इन मांगों पर अमल नहीं होता, तब तक ग्रामीणों ने सोलर कंपनियों के सभी कार्यों को रोक दिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
विधायक रविन्द्र सिंह भाटी का समर्थन और सख्त रुख
विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके संघर्ष का समर्थन किया। उन्होंने कहा,
“मैं इस अन्यायपूर्ण स्थिति को बर्दाश्त नहीं करूंगा। ग्रामीणों की मांगें पूरी तरह जायज हैं, और मैं इसे प्रशासन के समक्ष सख्ती से उठाऊंगा। जब तक सोलर कंपनियां अपनी वादाखिलाफी को समाप्त नहीं करतीं और ग्रामीणों को उनका हक नहीं देतीं, तब तक इस मुद्दे को शांत नहीं होने दूंगा।”