सूरत की दो बहनों से रेप के मामले में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा,गांधीनगर कोर्ट का फैसला

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नई दिल्ली:-गुजरात की गांधीनगर कोर्ट ने आशाराम बापू को रेप केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 30 जनवरी को आशाराम बापू को रेप के मामले में दोषी करार दिया था। आज उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई

कथावाचक आशाराम बापू को गुजरात की गांधीनगर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आशाराम बापू को यह सजा सूरत की दो बहनों के साथ रेप के मामले में मिली है। आशाराम बापू पहले से जोधपुर कोर्ट के फैसले के आधार पर नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे है। अब गांधीनगर कोर्ट ने उन्हें बलात्कार के एक और मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। 31 जनवरी को गांधीनगर कोर्ट ने महिला शिष्या से रेप के मामले में आसाराम बापू को सजा सुनाई। एक दिन पहले 30 जनवरी को कोर्ट ने आशाराम बापू को दोषी करार दिया है। आसाराम पर सूरत की एक महिला ने करीब 10 साल पहले अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में बार-बार रेप करने का आरोप था। लंबी सुनवाई के बाद गांधीनगर एडिशन डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस कोर्ट ने सोमवार को आशाराम बापू को रेप के मामले में दोषी बताया।

जोधपुर कोर्ट ने 2018 में सुनाई थी उम्रकैद की सजा

इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग से रेप का दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसकी सजा अभी आशाराम बापू काट रहा है। अब गांधीनगर कोर्ट ने 2001 के दुष्कर्म केस में आसाराम बापू को सजा सुनाई है।

13 साल पुराने मामले की 2013 में एफआईआर दर्ज हुई थी। कोर्ट ने इस मामले में कुल 68 लोगों के बयान दर्ज किए। सूरत रेप केस में सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। कोर्ट ने छह आरोपियों को निर्दोष माना और आसाराम को दोषी करार दिया।

2001 का मामला, आशाराम के डर से 2013 में दर्ज कराया था केस

रेप का यह मामला 2001 का है। लेकिन उस समय आशाराम बापू की प्रसिद्धि से डर कर उनके खिलाफ पीड़ितों ने केस नहीं किया था। जब जोधपुर वाला मामला सामने आया तब सूरत की दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले में 2013 में केस दर्ज किया गया था।

केस दर्ज होने के बाद सरकार की ओर से 55 गवाहों का परीक्षण कराया गया था। सभी गवाहों के बयान विरोधाभासी होने के कारण कुल 8 में से एक आरोपी को गवाह बनाया गया। इसके अलावा सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।

अभी राजस्थाना के जोधपुर जेल में बंद है आशाराम बापू

30 जनवरी को गांधीनगर सत्र न्यायालय ने 6 आरोपियों को निर्दोष और आसाराम को दोषी करार दिया है। इस मामले में आसाराम पर सूरत की दो लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद आरोपों को सही पाया और आसाराम को दोषी करार दिया। बताते चले कि आसाराम फिलहाल जोधपुर जेल में बद हैं। 2018 में जोधपुर की कोर्ट ने उन्हें 16 साल की लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया था। इसके बाद आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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